रूस-यूक्रेन जंग का एक साल पूरा होने पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को आई भारत की याद, दोस्ती मजबूत करने के लिए कर दिया बड़ा ऐलान

रूस और भारत की दोस्ती रूस-यूक्रेन जंग का एक साल पूरा होने पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को आई भारत की याद, दोस्ती मजबूत करने के लिए कर दिया बड़ा ऐलान

Manuj Bhardwaj
Update: 2023-02-21 11:56 GMT
रूस-यूक्रेन जंग का एक साल पूरा होने पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को आई भारत की याद, दोस्ती मजबूत करने के लिए कर दिया बड़ा ऐलान
हाईलाइट
  • रूस ने उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर (INSTC) बनाने का भी ऐलान किया

डिजिटल डेस्क, मॉस्को। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ अपने युद्ध के एक साल पूरा होने पर देश को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने प्रमुखता से भारत का नाम लेते हुए कहा कि रूस भारत के साथ अपने सहयोग और व्यापार को बढ़ाना जारी रखेगा। इस दौरान उन्होंने एशिया में भारत, चीन आदि देशों के साथ व्यापार को बढ़ावा देने के लिए उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर (INSTC) बनाने का भी ऐलान किया।

पुतिन ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर जोर देते हुए कहा कि रूस भारत, ईरान, पाकिस्तान के साथ सहयोग बढ़ाने की उम्मीद कर रहा है। वह भारत के साथ अपने व्यापार को बढ़ावा देने के लिए उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर (INSTC) का निर्माण जारी रखेंगे। पुतिन ने आगे कहा कि रूस विदेशी आर्थिक संबंधों का विस्तार करेगा और नए लॉजिस्टिक कॉरिडोर बनाएगा।

इस योजना के बारे में पुतिन ने आगे बताया कि रेलवे का मॉर्डनाइजेशन और उत्तरी शिपिंग रुट्स में सुधार भी योजना का हिस्सा होगा। वह ब्लैक एंड अजोव समुद्री मार्गों, नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर के बंदरगाहों का विकास करेंगे और उत्तरी समुद्री मार्ग की क्षमताओं को बढ़ाएंगे। इससे चीन, भारत, ईरान और अन्य मित्र देशों के साथ सहयोग बढ़ेगा। 

क्या है INSTC

माल ढुलाई लागत और समय बचाने के लिए भारत और रूस के बीच INSTC यानी इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर शुरू किया गया था। इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, इस कॉरिडोर के तहत भारत और रूस के बीच परिवहन की लागत को लगभग 30 प्रतिशत कम करने और समुद्र, रेल और सड़क का उपयोग करके समय को 40 दिनों से घटाकर लगभग आधा करने का प्रयास किया जा रहा है।

INSTC भारत, ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बीच माल ढुलाई के लिए 7,200 किलोमीटर लंबी परिवहन परियोजना है। इस कॉरिडोर की नींव रूस, ईरान और भारत ने मिलकर 12 सितंबर 2000 को रखी थी।

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