भारत में डिजिटल का भविष्य और फेसबुक के सीईओ जुकरबर्ग ने अंबानी की तारीफ में पढ़े कसीदे

भारत में डिजिटल का भविष्य और फेसबुक के सीईओ जुकरबर्ग ने अंबानी की तारीफ में पढ़े कसीदे

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-15 07:43 GMT
भारत में डिजिटल का भविष्य और फेसबुक के सीईओ जुकरबर्ग ने अंबानी की तारीफ में पढ़े कसीदे

डिजिटल डेस्क (भोपाल)। दो दिवसीय फेसबुक फ्यूल फॉर इंडिया 2020 कार्यक्रम की शुरुआत आज 15 दिसंबर से हो चुकी है। कार्यक्रम की शुरुआत में मार्क जुकरबर्ग और मुकेश अंबानी भारत की आर्थिक वृद्धि को तेज करने में डिजिटलाइजेशन की भूमिका पर चर्चा कर रहे हैं। इस दौरान मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि हमने पिछले महीने भारत में व्हाट्सएप पे लॉन्च किया था। UPI सिस्टम और 140 बैंकों की वजह से यह संभव हो पाया, जिससे यह आसान हो गया। भारत ऐसा करने वाला पहला देश है। 

फेसबुक चीफ मार्क जुकरबर्ग और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के अलावा फेसबुक की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर शेरिल सैंडबर्ग, इंस्टाग्राम के प्रमुख एडम मोसेरी, WhatsApp के प्रमुख विल कैथकार्ट भी इस कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।

वहीं, फेसबुक इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर अजित मोहन ने इस इवेंट को लेकर कहा, "हम भारत में फेसबुक की वास्तविक कहानी शेयर करना चाहते हैं, जिससे लोगों को यह समझने में आसानी होगी कि हमारे प्लेटफॉर्म के यूजर्स और संस्थाओं के जरिए हम क्या करने की कोशिश कर रहे हैं"।

फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा है कि जियो प्लेटफॉर्म्स के साथ उनकी साझेदारी का लाभ भारत में लाखें की संख्या में छोटे व्यवसायों को मिलेगा। जुकरबर्ग ने कहा, फेसबुक पर हम छोटे व्यवसायों की सेवा करने के व्यवसाय से जुड़े हैं और इसके लिए भारत से बेहतर और कोई विकल्प नहीं हो सकता। उन्होंने आगे कहा, छोटे कारोबार की संख्या छह करोड़ से ज्यादा है और इन पर रोजीरोटी के लिए लाखों की संख्या में लोग निर्भर रहते हैं। जियो के साथ हमारी इस साझेदारी में छोटे व्यवसायों की मदद को काफी अहम माना जाएगा। इस साल अप्रैल में फेसबुक ने 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ जियो प्लेटाफॉर्म्स में 43,574 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की थी। जुकरबर्ग ने कहा था कि अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव को देखते हुए छोटे कारोबारियों की मदद करना काफी जरूरी हो गया है।

इस दौरान मुकेश अंबानी ने कहा कि महामारी की भयावहता ने भारत में हम सभी को चौंका दिया। लेकिन मुझे लगता है कि भारत के डीएनए में यह बात ही नहीं है कि वह संकट की वजह से आगे बढ़ने से रुक जाए है। इस संकट ने नई वृद्धि के लिए एक अवसर दिया है। भारतीयों ने बहुत ही लचीलापन और संकल्प के साथ COVID19 संकट का सामना किया 

 

 

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