बाजार: एफपीआई की बिकवाली को बेअसर कर रहे घरेलू निवेशक
इक्विटी बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की भारी बिकवाली के असर को घरेलू फंड और खुदरा निवेशक बेअसर कर रहे हैं।
नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। इक्विटी बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की भारी बिकवाली के असर को घरेलू फंड और खुदरा निवेशक बेअसर कर रहे हैं।
एफपीआई ने अप्रैल में अबतक भारतीय पूंजी बाजार में 6,304 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची। इस दौरान नकदी बाजार में इक्विटी बिक्री 20,525 करोड़ रुपये रही। डेट मार्केट में भी नए सिरे से बिकवाली का चलन है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का कहना है कि अप्रैल में डेट बिक्री 10,640 करोड़ रुपये रही।
उन्होंने कहा कि अमेरिका में बॉन्ड पर ब्याज दर बढ़ने से इक्विटी और डेट दोनों में एफपीआई एक बार फिर बिकवाल हो गये हैं। दस साल के बॉन्ड पर ब्याज अब लगभग 4.7 प्रतिशत है जो विदेशी निवेशकों के लिए बेहद आकर्षक है।
विजयकुमार ने कहा कि नवीनतम आंकड़ों में अमेरिका में गैर-खाद्य खुदरा महंगाई बढ़कर 3.7 प्रतिशत हो गई जबकि विशेषज्ञ 3.4 प्रतिशत की उम्मीद कर रहे थे। इसका मतलब है कि फेड द्वारा दरों में जल्द कटौती की संभावनाएं कम होती जा रही हैं। इससे बॉन्ड पर ब्याज ऊंची बनी रहेगी जिससे इक्विटी और डेट दोनों में एफपीआई बिकवाल रहेंगे।
उन्होंने कहा, “सकारात्मक कारक यह है कि इक्विटी बाजारों में सभी एफपीआई की बिक्री के प्रभाव को घरेलू संस्थागत निवेशक, धनाढ्य व्यक्तिगत निवेशक और खुदरा निवेशक कम कर रहे हैं। यही एकमात्र कारक है जो एफपीआई की बिकवाली पर हावी हो सकता है।''
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|