लोकसभा चुनाव 2024: आईआईटी और आईआईएम में आरक्षण का विरोध भी कर चुके हैं सैम पित्रोदा, पुराना वीडियो वायरल

नस्लभेदी बयान पर मचे बवाल के बाद सैम पित्रोदा ने बुधवार को इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इसकी जानकारी कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी। 

IANS News
Update: 2024-05-08 15:08 GMT

नई दिल्ली, 8 मई (आईएएनएस)। नस्लभेदी बयान पर मचे बवाल के बाद सैम पित्रोदा ने बुधवार को इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इसकी जानकारी कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी। 

इसी बीच सैम पित्रोदा का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें आरक्षण को लेकर उनकी ओर से बड़ी टिप्पणी की गई है।

दरअसल, सैम पित्रोदा ने आईआईटी और आईआईएम जैसी शैक्षणिक संस्थाओं में आरक्षण का विरोध किया था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

इस वीडियो में सैम पित्रोदा को कहते हुए सुना जा सकता है, "जब हम आरक्षण की बात करते हैं तो मेरा विश्वास है कि सबको अवसर मिलना चाहिए। मेरा मानना है कि आरक्षण का लाभ जाति, धर्म, रंग देखकर नहीं मिलना चाहिए। लेकिन, ऐसा कैसे होगा। मेरा मानना है कि आरक्षण को लेकर हमें चर्चा करनी चाहिए कि देश के सर्वोच्च शैक्षणिक संस्थान में आरक्षण को लेकर क्या व्यवस्था होनी चाहिए। स्कूल और कॉलेज में आरक्षण देने को लेकर कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन, आईआईटी और आईआईएम में आरक्षण नहीं होना चाहिए, आरक्षण से आईआईटी और आईआईएम बिगड़ेंगे। मेरा मानना है कि यहां प्रतिभा के आधार पर मौका मिलना चाहिए।"

वीडियो में उन्होंने आगे कहा, "आईआईटी और आईआईएम में अवसर में समानता होना चाहिए। यहीं से हम देश के लिए बेहतर टैलेंट देश को देते हैं। हमें उनकी प्रतिभा पर भरोसा करके समानता का व्यवहार करना चाहिए। हमें उनके आइडिया और इनोवेशन को प्राथमिकता देना चाहिए।"

सैम पित्रोदा के इस बयान को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के चुनावी रैलियों के दौरान किए गए वादों के परिप्रेक्ष्य में देखना अहम होगा। राहुल गांधी ने बीते दिनों लगातार कहा है कि इंडिया गठबंधन की सरकार केंद्र में बनती है तो मौजूदा आरक्षण 50 प्रतिशत से बढ़ाएगी। बल्कि, आरक्षण की सीमा ही खत्म करने की बात उन्होंने कही थी। उनके ही पिता राजीव गांधी के करीबी पित्रोदा की पहले तो यह राय रही है कि कुछ शीर्ष शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण ही नहीं होना चाहिए।

इससे पहले सैम पित्रोदा ने भारतीयों के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी करते हुए कहा था, "उत्तर भारत के लोग तो गोरे जैसे नजर आते हैं, जबकि, पूर्वी भारत के लोग चाइनीज जैसे दिखते हैं। दक्षिण भारतीय लोग अफ्रीकी और पश्चिम भारत के लोग अरब के लोगों जैसे दिखते हैं।"

सैम पित्रोदा के इस बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कटाक्ष भी किया। उन्होंने तेलंगाना के वारंगल में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि शहजादे के फिलॉस्फर और गाइड अंकल ने बड़ा रहस्य खोला है। उन्होंने (सैम पित्रोदा) कहा कि जिनकी चमड़ी का रंग काला होता है, वो सब अफ्रीका के हैं, मतलब देश के अनेक लोगों को चमड़ी के रंग के आधार पर उन्होंने इतनी बड़ी गाली दे दी।

भाजपा के कई नेता भी सैम पित्रोदा के बयान पर जमकर प्रहार कर रहे हैं। इन सबके बीच विवाद बढ़ता देख कांग्रेस ने सैम पित्रोदा ने बयान से किनारा कर लिया और उनकी निजी राय बता दी। दूसरी तरफ सैम पित्रोदा ने भी इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।

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