विपक्षी एकता : नीतीश की बुलाई बैठक से एक दिन पहले पटना पहुंच सकती हैं ममता

IANS News
Update: 2023-05-29 15:40 GMT
Kolkata: West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee addresses party workers via video conference, as CBI summons TMC general secretary Abhishek Banerjee,in Kolkata, Friday, May 19, 2023. (Photo: IANS)

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 12 जून को बुलाई गई सभी गैर-भाजपा पार्टियों की बैठक से एक दिन पहले पटना पहुंच सकती हैं। तृणमूल के अंदरूनी सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सूत्रों ने कहा कि तय कार्यक्रम के अनुसार, मुख्यमंत्री ममता विपक्षी दलों की बैठक से एक दिन पहले 11 जून की शाम पटना पहुंच सकती हैं। हालांकि, ममता के पहले पहुंचने का कारण नहीं बताया गया है और स्पष्ट कर दिया गया है कि किसी समकक्ष के साथ उनकी अलग बैठक होने की कोई संभावना नहीं है।

हाल ही में जब नीतीश कुमार ने अपने डिप्टी और राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ कोलकाता जाकर ममता बनर्जी के साथ बैठक की थी, तो ममता ने उनसे पटना में विपक्षी महागठबंधन की बैठक करने और उसकी मेजबानी करने का अनुरोध किया था। दोनों ने सहमति जताई और आखिरकार 12 जून को बैठक करने का ऐलान किया।

अभी यह तय होना बाकी है कि 12 जून की बैठक के लिए माकपा किसी नेता को भेजेगी या नहीं या केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन इसमें शामिल होंगे या नहीं।

इस बीच कांग्रेस के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी पहले ही कह चुके हैं कि राज्य में तृणमूल उनकी पार्टी के लिए भाजपा की तरह बराबर की प्रतिद्वंद्वी बनी रहेगी। उन्होंने यह भी संदेह जताया था कि क्या भाजपा विपक्षी गठबंधन के भीतर कुछ ट्रोजन हॉर्स लगाने की कोशिश तो नहीं कर रही है।

चौधरी की चिंता को पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती और पार्टी के राज्य सदस्य विकास रंजन भट्टाचार्य जैसे वरिष्ठ माकपा नेताओं द्वारा प्रतिध्वनित किया गया है।

राज्यसभा सदस्य डॉ. शांतनु सेन जैसे तृणमूल नेताओं को हालांकि लगता है कि पश्चिम बंगाल में माकपा और कांग्रेस नेतृत्व के तर्क पूरी तरह महत्वहीन हैं, क्योंकि उनकी कोई प्रासंगिकता नहीं है। उन्होंने कहा, जब पूरा देश मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को विपक्ष की नेता के रूप में पहचानता है, तो पश्चिम बंगाल में माकपा और कांग्रेस के नेता क्या कहते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

हालांकि, पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि राज्य में कांग्रेस द्वारा तृणमूल का विरोध सिर्फ छलावा है। उन्होंने कहा, एक तरफ अधीर रंजन पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का विरोध करने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में तृणमूल कांग्रेस और पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य रक्षक हैं।

(आईएएनएस)

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