सपा, बसपा, कांग्रेस पर भारी पड़ा बीजेपी के पांच का पंच! विपक्ष के सारे चुनावी समीकरण हुए ध्वस्त

एग्जिट पोल में बीजेपी का बवंडर क्यों? सपा, बसपा, कांग्रेस पर भारी पड़ा बीजेपी के पांच का पंच! विपक्ष के सारे चुनावी समीकरण हुए ध्वस्त

Bhaskar Hindi
Update: 2022-03-08 11:42 GMT
सपा, बसपा, कांग्रेस पर भारी पड़ा बीजेपी के पांच का पंच! विपक्ष के सारे चुनावी समीकरण हुए ध्वस्त

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुका है। गौरतलब है कि यूपी में कुल सात चरणों में मतदान हुआ था। पंजाब, गोवा, उत्तराखंड राज्यों में एक चरण में मतदान हुआ जबकि मणिपुर में दो चरणों में मतदान संपन्न हुआ था। इन पांचों राज्यों के चुनाव परिणाम 10 मार्च को आएंगे। लेकिन बीते सोमवार को चुनाव परिणाम आने से पहले ही एक्जिट पोल आने के बाद लगभग तस्वीर स्पष्ट हो गई कि यूपी में इस बार योगी आ रहे हैं। हालांकि अबकी बार सपा कई सीटों पर बीजेपी को सीधे टक्कर देती दिख रही है। बीजेपी की डबल इंजन वाली सरकार के सामने विपक्ष के लोकलुभावन वादे भी काम नहीं आए।

इंडिया न्यूज, टाइम्स नाउ वीटो, इंडिया टुडे-एक्सेस माय इंडिया, रिपब्लिक भारत सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक योगी सरकार स्पष्ट बहुमत के साथ सूबे में फिर सरकार बनाती हुई दिख रही है। इस प्रकार योगी-मोदी की जोड़ी के जादू सहित पांच फैक्टर, जिसने विपक्ष के सारे सियासी समीकरण को ध्वस्त कर दिए हैं। अगर एक्जिट पोल के आंकड़े कल यानी 10 मार्च को आने वाले चुनावी नतीजे में सही साबित हुए तो बीजेपी यूपी में सियासी इतिहास रच देगी। बीजेपी को दो-तिहाई बहुमत मिलने के क्या हैं फैक्टर।

1- यूपी की कानून व्यवस्था

उत्तर प्रदेश के एक्जिट पोल आने के बाद लोगों के मन में सवाल उठने लगे हैं कि जनता ने किस मुद्दे पर अबकी बार वोट किया है? उसका जवाब है कि कानून व्यवस्था। इस बार चुनाव प्रचार में देश के पीएम मोदी व गृहमंत्री अमित शाह योगी सरकार के कानून व्यवस्था को जनता के सामने रखा। योगी सरकार में माफियाओं और अपराधियों के घर पर चले बुलडोजर को चुनावी मुद्दा बनाया गया।

यहां तक कि चुनावी सभा में बुलडोजर को खड़ा कर बताने का प्रयास किया गया कि गुंडों व माफियाओं के घर पर बुलडोजर चलना जारी रहेगा। योगी आदित्यनाथ खुद पूरे प्रचार के दौरान कहते नजर आए कि कानून ही बीजेपी सरकार की प्राथमिकता है। हर व्यक्ति को सुरक्षा, सबको सुरक्षा लेकिन तुष्टिकरण किसी का नहीं। योगी सरकार के पांच साल पूरे होने के बाद जनता के मन में एक ही धारणा बनी है कि यूपी में कानून का राज है।

2- विकास का मुद्दा

बीजेपी ने विधानसभा चुनाव प्रचार में पांच साल में किए गए कार्यों को जनता के बीच जाकर बताया। जो एक्जिट पोल के मुताबिक चुनावी नतीजों में भी तब्दील होते दिख रहे हैं। इंडिया टुडे- एक्सेस माय इंडिया एग्जिट के मुताबिक यूपी में बीजेपी को 27 फीसदी लोगों ने राज्य के विकास के नाम पर वोट दिया है। लोगों का मानना है कि योगी और मोदी की डबल इंजन की सरकार ने राज्य में विकास को रफ्तार दी है। 

3- फ्री राशन और डायरेक्ट बेनिफिट

उत्तर प्रदेश में अबकी बार बीजेपी को मुफ्त राशन और डायरेक्ट बेनिफिट का सीधा फायदा दिखा है। कोरोना काल में बीजेपी ने फ्री राशन बांटे जिसने जनता को सबसे ज्यादा प्रभावित किया। जनधन खाता धारक महिलाओं को हर माह 500 रूपए के हिसाब से तीन माह तक उनके खाते में केंद्र सरकार ने पैसे भेजे। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत हर चौथे माह लाभार्थी किसानों के खाते में 2 हजार रूपए यानी सालाना 6 हजार रूपए केंद्र सरकार भेज रही है।

पीएम आवास योजना के तहत गरीबों को मकान बनाने के लिए 2.5 लाख रूपए दिए गए हैं। जिनकी तादाद यूपी में काफी है। जनता को डायरेक्ट बेनिफिट का लाभ मिलने से इन वोटों में विपक्ष भी सेंध नहीं लगा पाई। जानकारों के मुताबिक बीजेपी के लिए फ्री राशन व डायरेक्ट बेनिफिट ऐसा मुद्दा रहा जिस पर जातीय समीकरण भी हावी नहीं हो पाया।

एक्जिट पोल के मुताबिक बीजेपी को 11 फीसदी लोगों ने फ्री राशन स्कीम के नाम पर वोट दिया है। इसके अलावा 9 फीसदी ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने सरकारी स्कीम और योजनाओं के लिए भी वोट किए हैं। एक्जिट पोल में साफ है कि सरकारी योजनाओं के लाभार्थी बीजेपी के पक्ष में जमकर वोट किए हैं।

4- मोदी-योगी का चेहरा
 
बीजेपी इस बार यूपी विधानसभा चुनाव में मोदी और योगी चेहरे पर उतरी थी। जिसका सर्वे के मुताबिक सियासी फायदा पार्टी को मिला भी। मोदी और योगी की जोड़ी ने विपक्ष के सियासी समीकरण को ध्वस्त कर दिया है। एक्जिट पोल के मुताबिक 8 फीसदी लोगों ने बीजेपी को पीएम मोदी के नाम पर ही वोट दिया है। पीएम मोदी को जनता पर प्रचंड भरोसा है, मोदी का जलवा यूपी में कायम है। मोदी और योगी के सामने अखिलेश यादव, प्रियंका और मायावती टिक नहीं पाए।
 
5- हिंदुत्व का एजेंडा

उत्तर प्रदेश में एक्जिट पोल के आंकड़ों से यह बात साफ हो गई है कि बीजेपी का हिंदुत्व और राष्ट्रवाद एजेंडा सफल रहा है। इन दोनों मुद्दों के आगे कोरोना मिस मैनेजमेंट, आवारा पशु, बेरोजगारी और गरीबी जैसे मुद्दे दूर-दूर तक नहीं टिक पाए। इन सभी मुद्दों पर विपक्ष बीजेपी को घेरना चाह रहा था लेकिन हिंदुत्व के मुद्दों के आगे ये सभी मुद्दे पीछे चले गए। बीजेपी ने पश्चिमी यूपी में मुजफ्फरनगर का मुद्दा व कैराना में पलायन का चुनावी मुद्दा बनाकर सियासी धार दिया। अवध क्षेत्र में राममंदिर और आतंकवाद के मुद्दे को भी बीजेपी धार देने में पीछे नहीं हटी। जिसका साफ सियासी फायदा भी बीजेपी को मिलता  दिख रहा है।

Tags:    

Similar News