कुलपति चयन पैनल में यूजीसी के प्रतिनिधि को शामिल करेगी बंगाल सरकार

कोलकाता कुलपति चयन पैनल में यूजीसी के प्रतिनिधि को शामिल करेगी बंगाल सरकार

IANS News
Update: 2023-04-09 09:30 GMT
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डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल शिक्षा विभाग राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के एक प्रतिनिधि के लिए जगह बनाकर सर्च कमेटी के ढांचे में कुछ बदलाव करेगी। हालांकि, बदले हुए ढांचे में भी राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि पैनल में उसके अपने प्रतिनिधियों का का वर्चस्व हो। राज्य शिक्षा विभाग के सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित परिवर्तनों के अनुसार सर्च कमेटी की संख्या अब तीन से बढ़ाकर पांच कर दी जाएगी।

वर्तमान में, सर्च कमेटी के तीन सदस्यों में राज्य सरकार का एक प्रतिनिधि, संबंधित राज्य विश्वविद्यालय से एक और तीसरा राज्यपाल द्वारा नियुक्त नामित व्यक्ति शामिल होता है। राज्य के शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बदले हुए ढांचे में, यूजीसी से एक प्रतिनिधि, संबंधित विश्वविद्यालय का एक प्रतिनिधि, एक राज्यपाल द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि और दो राज्य सरकार के नामांकित व्यक्ति होंगे। इसका मतलब यह है कि यूजीसी के नॉमिनी के लिए जगह बनाने के बावजूद राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटियों में राज्य सरकार का संख्यात्मक वर्चस्व होगा।

मूल रूप से ऐसी खोज समितियों में राज्य सरकार का एक भी प्रतिनिधि नहीं था। समिति के तीन सदस्य एक संबंधित राज्य विश्वविद्यालय से, एक यूजीसी से और तीसरा राज्यपाल द्वारा नियुक्त नामांकित व्यक्ति होता था। 1977 से 2011 तक 34 साल के वाम मोर्चा शासन के दौरान इस प्रणाली का पालन किया गया था। 2011 और 2014 के बीच तृणमूल कांग्रेस शासन के पहले तीन वर्षों में इसी प्रणाली का पालन किया गया था, जब ब्रत्य बसु राज्य शिक्षा विभाग के मंत्री थे, जो राज्य के वर्तमान शिक्षा मंत्री भी हैं।

हालांकि, 2014 में, पार्थ चटर्जी के राज्य के शिक्षा मंत्री बनने के तुरंत बाद, उन्होंने यूजीसी के नामांकित व्यक्ति को दरवाजे दिखाकर और राज्य सरकार के नामित व्यक्ति के लिए जगह बनाकर सर्च समितियों के गठन में संशोधन किया। हालांकि, यूजीसी प्रतिनिधि के बिना खोज समितियों द्वारा कई राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति और पुनर्नियुक्ति को कानूनी बाधाओं का सामना करना पड़ा और कई मामलों में अदालती आदेशों के बाद ऐसी नियुक्तियों और पुनर्नियुक्ति को रद्द कर दिया गया। पार्थ चटर्जी वर्तमान में पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में बहु-करोड़ के घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए न्यायिक हिरासत में हैं। आखिरकार अब राज्य सरकार ने सर्च कमेटियों में फिर से यूजीसी नॉमिनी के लिए जगह बनाने का फैसला किया है।

 

 (आईएएनएस)

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