कांग्रेस प्रमुख डी.के. शिवकुमार ने इसरो के निजीकरण पर भी उठाए सवाल
कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डी.के. शिवकुमार ने इसरो के निजीकरण पर भी उठाए सवाल
- अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम को स्थानांतरित करने का विरोध
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को पत्र लिखकर इसरो के भारतीय मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम को बेंगलुरु से गुजरात स्थानांतरित करने का विरोध किया है। उन्होंने इसरो के निजीकरण पर भी सवाल उठाए हैं।
जनता की राय लेते हुए शिवकुमार ने लोगों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने विचार प्रसारित करने को कहा है। उन्होंने कहा इसरो द्वारा 2007 में शुरू किया गया। भारतीय मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम कम पृथ्वी की कक्षा में चालक दल के कक्षीय अंतरिक्ष-यान को लॉन्च करने के लिए आवश्यक तकनीक विकसित करना चाहता है। यह गगनयान परियोजना के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है।
उन्होंने समझाया कि एजेंसी ने स्वदेशी जीएसएलवी-इन रॉकेट पर पहली उड़ान की भी योजना बनाई है। यदि निर्धारित समय पर पूरा हो जाता है तो भारत अमेरिका, सोवियत संघ और चीन के बाद स्वतंत्र अंतरिक्ष-उड़ान शुरू करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। यह एक प्रतिष्ठित और युगांतरकारी परियोजना है। कर्नाटक के लोगों को इस परियोजना पर बहुत गर्व है।
उन्होंने कहा आप जानते हैं कि कर्नाटक के लोग बहुत भावुक होते हैं और राष्ट्रीय कार्यक्रमों से जुड़ जाते हैं और जब राज्य इस तरह के कार्यक्रमों की मेजबानी करता है तो गर्व महसूस होता है। कन्नड़ लोग यह जानकर गंभीर रूप से आहत और स्तब्ध हैं कि इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम को गुजरात में स्थानांतरित करने की योजना है। अगर ऐसा होता है, तो कन्नडिगाओं को लगेगा कि संघीय सरकार स्थानीय लोगों की भावनाओं की अनदेखी कर रही है उनके साथ विश्वासघात कर रही है और उन्हें कम सम्मान दे रही है।
केंद्र सरकार द्वारा कई क्षेत्रों में कर्नाटक के साथ सौतेला व्यवहार किए जाने पर पहले से ही आक्रोश है। उन्होंने कहा कि इस कदम से देश में संघीय व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने मांग की कि कार्यक्रम को कर्नाटक से गुजरात स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को वापस लिया जाए। इस बीच इसरो के निजीकरण की आशंकाओं को दूर करते हुए मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा यह एक कंपनी नहीं है। यह एक संस्था है निजीकरण का कोई सवाल ही नहीं है।
(आईएएनएस)