यूपी कांग्रेस में उपेक्षा से इन नेताओं ने छोड़े साथ 

उत्तर प्रदेश चुनाव यूपी कांग्रेस में उपेक्षा से इन नेताओं ने छोड़े साथ 

Anupam Tiwari
Update: 2021-10-07 12:13 GMT
यूपी कांग्रेस में उपेक्षा से इन नेताओं ने छोड़े साथ 

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव आने वाला है, सभी राजनीतिक पार्टियों में इस वक्त जबरदस्त वैकेंसी भरी जा रही है। सपा, बसपा व कांग्रेस  समेत कई राजनीतिक दल उन नेताओं को अपने पार्टी में शामिल करा रहें हैं, जो दूसरी पार्टी छोड़कर आएं हैं और उनके पास वोट बैंक है। इसी क्रम में सवाल उठता है कि आखिर में कांग्रेस पार्टी से वो नेता क्यों एक-एक कर जा रहें है, जो कांग्रेस में संकट के समय भी सत्यनिष्ठा के साथ खड़े थे। चाहे वो इंदिरा गांधी का दौर रहा हो या फिर राजीव गांधी। आप को बता दें कि सोनिया और राहुल के दौर में भी इन नेताओं ने कांग्रेस का झंडा उठाए रखा, लेकिन बीते कुछ वर्षो में ऐसा हुआ कि कांग्रेस से दूरी बनाने में मजबूर हो गए। 

हेमवती नंदन बहुगुणा

बता दें कि हेमवती नंदन बहुगुणा दो बार यूपी के सीएम रहे थे। वो ब्राहृण चेहरे के साथ कांग्रेस पार्टी के चाणक्य मानें जाते थे। उनकी बेटी रीता बहुगुणा जोशी के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रहते  हुए। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यूपी की 21 सीटों पर जीत दर्ज की थी। हेमवती के पुत्र विजय बहुगुणा उत्तराखंड में कांग्रेस के सीएम रहे थे। आज यह परिवार भी भारतीय जनता पार्टी में है। योगी सरकार में रीता बहुगुणा जोशी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। अब उत्तर प्रदेश के प्रयागराज संसदीय क्षेत्र से रीता बहुगुणा जोशी बीजेपी सांसद है। 

श्रीपति मिश्र

यूपी के पूर्व सीएम श्रीपति मिश्र का राजनीति में दबदबा था, कांग्रेस के संकट के समय कदम से कदम मिलाकर खड़े थे। लेकिन, उनके निधन के बाद से उनके परिवार कांग्रेस पार्टी मे तवज्जो नहीं दिया गया तथा पार्टी नेतृत्व की अनदेखी के चलते उनके बेटे पूर्व विधान परिषद सदस्य राकेश मिश्रा ने कांग्रेस छोड़ कर भाजपा शामिल हो गए। 

जितेंद्र प्रसाद

आपको बता दें कि जितेंद्र प्रसाद प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहने के साथ केंद्र में कई विभागों के मंत्री रहे थे। उनका परिवार भी कांग्रेस का बड़ा ब्राह्मण चेहरा माना जाता था। लेकिन जितेंद्र प्रसाद की मृत्यु के बाद उनकी राजनैतिक विरासत उनके पुत्र जितिन प्रसाद ने संभाली थी। मनमोहन सरकार में केंद्र में मंत्री भी रहे, लेकिन चुनाव हारने के बाद उनकी पार्टी में अनदेखी होने लगी, पार्टी में खास तवज्जो ना मिले के कारण आखिरकार मजबूर होकर जितिन भाजपा शामिल हो गए। भाजपा में शामिल होने के बाद हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार में उनको कैबिनेट मंत्री बना दिया गया।

कमलापति त्रिपाठ

उत्तर प्रदेश में ब्राहृण चेहरा और राजनीति में अच्छी पकड़ रखने वाले कमलापति त्रिपाठी यूपी के सीएम रहे। बता दें कि कमलापति त्रिपाठी केंद्र में कई विभागों के मंत्री भी रहे। इंदिरा गांधी के दौर में जब कांग्रेस संकट से गुजर रही थी , तब भी कमलापति मजबूती के साथ उनके साथ खड़े थे। आज यह परिवार कांग्रेस में ही उपेक्षित हो गया। कांग्रेस नेतृत्व के द्वारा उपेक्षित होने के बाद पूर्व सीएम कमलापति के प्रपौत्र और पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी ने पिछले दिनों कांग्रेस ने किनारा कर लिया। 

इन नेताओं ने भी कांग्रेस से किनारा किया

गौरतलब है कि बड़े परिवारों के साथ पिछले एक दशक में कई ऐसा नेता कांग्रेस से किनारा कर चुके हैं। जो अपने क्षेत्रों में पार्टी का बड़ा चेहरा हुआ करते थे। इनमें सर्वजीत सिंह मक्कर, दिनेश प्रताप सिंह, जगदंबिका पाल, अम्मार रिजवी, अन्नू टंडन, नदीन अशरफ जायसी और  प्रमुख हैं।
 

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