बिहार चुनाव में कांग्रेस के लिए पिछला प्रदर्शन दोहरा पाना भी मुश्किल

बिहार चुनाव में कांग्रेस के लिए पिछला प्रदर्शन दोहरा पाना भी मुश्किल

IANS News
Update: 2020-11-10 08:00 GMT
बिहार चुनाव में कांग्रेस के लिए पिछला प्रदर्शन दोहरा पाना भी मुश्किल
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नई दिल्ली, 10 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार में मतदान केंद्रों से जो रुझान आ रहे हैं, उसमें भाजपा राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर रही है, लेकिन कांग्रेस 27 सीटों के अपने 2015 के प्रदर्शन को भी दोहरा नहीं पा रही है। नतीजों में महागठबंधन भी एनडीए से पीछे है।

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मतगणना के रुझान के नतीजों पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी लेकिन भाजपा उन सीटों पर ज्यादा सहज है, जिन पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं लोकप्रिय होने के बाद भी राजद दोपहर 12 बजे तक आशाजनक वोट नहीं पा सकी थी।

कांग्रेस नेताओं को लगता है कि पार्टी ने भले ही 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उन पर मुकाबला मुश्किल था क्योंकि इन सीटों पर भाजपा की उपस्थिति मजबूत थी। वहीं राजद के मुकाबले भाजपा उन सीटों पर भारी पड़ी जो या तो शहरी सीटें थीं या भाजपा के मजबूत गढ़ थे।

रुझानों के अनुसार, दोपहर 12 बजे तक भाजपा 73 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी थी, राजद 57 सीटों पर आगे चल रही है, वहीं जदयू 51 सीटों पर और कांग्रेस 21 सीटों पर आगे है। 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए बिहार में 3 चरणों में - 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को मतदान हुआ था।

2015 के विधानसभा चुनावों में राजद ने 80 सीटें जीती थीं, जबकि जद (यू) ने 71 सीटें जीती थीं। भाजपा ने 53 सीटें जीती थीं और लोजपा 2 सीटों पर ही जीत पाई थी।

नीतीश कुमार 2005 से लगातार 3 बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

एसडीजे-एसकेपी

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