ममता बनर्जी अपनी पारंपरिक सीट भवानीपुर से लड़ेंगी उपचुनाव, शोभन देव ने विधायक पद से इस्तीफा दिया

ममता बनर्जी अपनी पारंपरिक सीट भवानीपुर से लड़ेंगी उपचुनाव, शोभन देव ने विधायक पद से इस्तीफा दिया

Bhaskar Hindi
Update: 2021-05-21 12:12 GMT
ममता बनर्जी अपनी पारंपरिक सीट भवानीपुर से लड़ेंगी उपचुनाव, शोभन देव ने विधायक पद से इस्तीफा दिया

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए शोभन देव ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। वह ममता बनर्जी की पारंपरिक सीट भवानीपुर से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। इस बार ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव में शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ा था जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए 6 महीने के अंदर चुनाव जीतना जरूरी है।

शोभन देव ने कहा- मुख्यमंत्री दो बार भवानीपुर सीट से जीत चुकी हैं। सभी पार्टी नेताओं ने चर्चा की और जब मैंने यह सुना कि वह यहां से चुनाव लड़ना चाहती हैं तो मैंने सोचा कि मुझे यह सीट खाली कर देना चाहिए। किसी तरह का कोई दबाव नहीं है। किसी और में सरकार चलाने की साहस नहीं है। मैंने उनसे बात की। यह उनकी सीट थी। मैं तो सिर्फ इसकी रक्षा कर रहा था। वहीं विधानसभा स्पीकर बिमान बनर्जी ने कहा- मैंने उनसे यह पूछा कि वे अपनी इच्छा से या फिर जबरदस्ती अपना इस्तीफा दे रहे हैं। मैं पूरी तरह से संतुष्ट हूं और मैंने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।

 

 

कौन है शोभन देव?
शोभन देव ने साउथ कोलकाता के राशबिहारी निर्वाचन क्षेत्र से लगातार पांच बार जीत हासिल की है। पहली बार उन्होंने 1998 में चुनाव जीता था, ​​लेकिन 2021 के चुनावों में उन्हें भवानीपुर भेजा गया। 19 जनवरी को, बनर्जी ने नंदीग्राम में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए घोषणा की थी कि वह नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने भवानीपुर को अपनी "बड़ी बहन" और नंदीग्राम को "छोटी" बहन बताया था। 

इसके बाद टीएमसी ने भवानीपुर से भरोसेमंद और अनुभवी शोभन देव चट्टोपाध्याय को चुनावी मैदान में उतारा। चट्टोपाध्याय ने 58 प्रतिशत वोट हासिल कर भाजपा के रुद्रनील घोष को लगभग 29,000 मतों के अंतर से हराया। वह ममता बनर्जी की पिछली कैबिनेट में बिजली मंत्री थे, लेकिन अब उन्हें कृषि विभाग दिया गया है। वहीं ममता बनर्जी को नंदीग्राम से हार का सामना करना पड़ा था। उन्हें शुभेंदु अधिकारी ने 1956 वोटों से हराया था।

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