कर्नाटक विधानसभा चुनाव से एनसीपी के दावे से बीजेपी खेमे में मची खलबली, जानें राज्य में पवार कार्यकर्ताओं और कांग्रेस के तेवर में अचानक क्यों आया है बदलाव? किसे होगा फायदा?
कर्नाटक में एनसीपी की 'रणनीति' कर्नाटक विधानसभा चुनाव से एनसीपी के दावे से बीजेपी खेमे में मची खलबली, जानें राज्य में पवार कार्यकर्ताओं और कांग्रेस के तेवर में अचानक क्यों आया है बदलाव? किसे होगा फायदा?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। जहां एक तरफ बीजेपी की पहली लिस्ट जारी होने के बाद राज्य में पार्टी के कई नेता बागी होने के कगार पर है तो वहीं दूसरी ओर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राज्य अध्यक्ष हरि आर ने शनिवार को एक बयान जारी कर बीजेपी खेमे में खलबली मचा दी है। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में भाजपा के 4 से 5 विधायक एनसीपी के संपर्क में हैं और वे सभी नेता चुनाव से पहले एनसीपी में शामिल हो सकते हैं। हरि आर ने यह भी दावा किया कि 'हमारी पार्टी इस बार कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं और हमारे संपर्क में बीजेपी के चार से पांच विधायक हैं। इसके अलावा बेंगलुरु के (पूर्व) मेयर भी जल्द ही हमारी पार्टी में शामिल हो सकते हैं।'
एनसीपी की हुंकार
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने मुंबई में शनिवार को पार्टी मुख्यालय में अपनी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक करते हुए कर्नाटक चुनाव पर विस्तार से चर्चा की। बता दें कि, हाल ही में एनसीपी को चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, चुनाव आयोग ने एनसीपी से राष्ट्रीय पार्टी की सदस्यता वापस लेकर उसे क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा दे दिया है। पिछले चुनाव में पार्टी ने यहां पर 14 सीटों पर चुनाव लड़ी थीं। 224 विधानसभा सीटों वाले कर्नाटक राज्य में 10 मई को मतदान होगा। जिसका रिजल्ट 13 मई को आएगा।
कांग्रेस की रणनीति
आज यानी शनिवार को कांग्रेस पार्टी ने भी कर्नाटक चुनाव के लिए अपनी तीसरी सूची जारी करते हुए 43 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है। साथ ही आज स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व सीएम सिद्धारमैया कोलार विधानसभा सीट से चुनाव नहीं लडेंगे। इस सीट से पार्टी ने कोथुर जी मंजूनाथ को उतारा है। गौरतलब है कि, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और पूर्व डिप्टी सीएम जी परमेश्वर जैसे प्रमुख नेता सिद्धारमैया को इस बार के विधानसभा चुनाव में दो सीटों से चुनाव लड़ाने के मूड में नहीं थे। इस बार के चुनाव में सिद्धारमैया मैसूर जिले में वरुणा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ते हुए दिखाई देंगे।
बीजेपी की परेशानी
इधर, इस बार बीजेपी ने छह बार विधायक और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार को भी चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया है। इसके अलावा राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सवाडी का भी इस बार पार्टी ने पत्ता काट दिया है। इस बार के चुनाव में पार्टी ने कई सिटिंग विधायकों का भी टिकट काटा है। बता दें कि, इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में 52 नए नेताओं को चुनाव लड़ने का मौका दिया है। जिन 52 नए नेताओं को मौका दिया गया है उनकी सीट से बीजेपी के कई पूर्व नेताओं का टिकट कटा है। इस मामले में चुनावी रणनीतिकारों का मानना है कि ऐसी स्थिति में बीजेपी के कई नेता बागी हो सकते हैं। अब सवाल यह उठता है कि इस रणनीति का फायदा पार्टी को आने वाले विधानसभा चुनाव में होता है या नहीं? यह तो आने वाले समय के गर्भ में छिपा है।