चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को अपने साथ लाने में जुटे नीतीश कुमार? जानें किसे दी मनाने की जिम्मेदारी

बिहार चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को अपने साथ लाने में जुटे नीतीश कुमार? जानें किसे दी मनाने की जिम्मेदारी

Raja Verma
Update: 2022-09-12 16:46 GMT
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को अपने साथ लाने में जुटे नीतीश कुमार? जानें किसे दी मनाने की जिम्मेदारी

डिजिटल डेस्क,पटना। बीजेपी का दामन छोड़ने के बाद से ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने में लगे है। एनडीए गठबंधन से पूर्ण रूप से रिश्ता समाप्त करने के बाद सीएम नीतीश कुमार विपक्षी पार्टियों में मशीहा के रूप में खुद को स्थापित करने की कोशिश भी कर रहे है। ऐसे में अब नीतीश कुमार को साथ छोड़ चुके पुराने साथियों की याद आने लगी है। वें अपने पुराने बिछड़े साथियों को ढूढ़ने में लगे हुए है। जिससे जदयू और विपक्षी पार्टी को 2024 लोकसभा चुनाव में मजबूती मिले। सोमवार को सीएम नीतीश कुमार ने जेडीयू से बिछड़े साथी पवन वर्मा को अपने सरकारी आवास 1 अन्ना मार्ग पर बुलाया। यहां दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक लंबी बातचीत चली। बता दें कि नीतीश कुमार ने साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पवन वर्मा और प्रशांत किशोर  को जदयू से बाहर कर दिया था। 

गौरतलब है कि इन दिनों नीतीश कुमार चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रहे है। इसके लिए नीतीश कुमार ने पवन वर्मा पर यह जिम्मेदारी सौंपी है। सूत्रों की मानें तो जदयू के पालनहार नीतीश कुमार ने सोमवार को इसी के लिए पवन वर्मा को बुलाकर मुलाकात की और अपने सबसे अनुभवी राजनीतिक चाणक्य प्रशांत किशोर को मनाने के लिए कहा। 


नीतीश के एनडीए गठबंधन छोड़ने के बाद बढ़ी नजदीकियां 

बता दें कि जेडीयू से जनवरी 2020 में पवन वर्मा और प्रशांत किशोर को एक साथ ही पार्टी से बाहर  निकाला गया था। उसके बाद पवन वर्मा  टीएमसी में शामिल हो गए थे। ममता बनर्जी ने टीएमसी में पवन वर्मा का जोरदार स्वागत किया और उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया था। हाल ही में बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद पवन के साथ एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार की नजदीकियां बढ़ी है और उन्होंने पिछले महीने ही टीएमसी का दामन छोड़ दिया है। 

नागरिकता संशोधन कानून पर पवन वर्मा ने जताई थी नाराजगी

दरअसल जनवरी 2020 में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर नीतीश कुमार ने एनडीए गठबंधन के साथ स्टैंड लिया था। उस दौरान पवन वर्मा ने नीतीश कुमार के नागरिकता संशोधन कानून पर स्टैंड लिए जाने पर आपत्ति जताई थी। इसके साथ ही प्रशांत किशोर भी पार्टी से मुखर चल रहे थे। पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखी थी और उन्होंने बीजेपी के साथ दिल्ली विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर भी आपत्ति जताई थी। बाद में इस लेंटर को सार्वजनिक कर दिया गया था। उस चिट्ठी में पवन वर्मा ने लिखा था कि नीतीश कुमार ने बीजेपी और आरएसएस के सामने खुद को सरेंडर कर दिया है। यही वजह रही कि नीतीश कुमार ने इन दोनों नेताओं को पार्टी से बाहर निकालना मुनासिब समझा। 

टीएमसी छोड़ने पर भावूक हुए पवन वर्मा

पिछले महीने अगस्त में जब पवन वर्मा ने टीएमसी ने छोड़ी तब उन्होने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी, जिसमें उन्होंने लिखा,  "ममता जी, कृपया टीएमसी से मेरा इस्तीफा स्वीकार करें. मैं आपका धन्यवाद देता हूं कि आपने मेरा इतना गर्मजोशी के साथ टीएमसी में स्वागत किया था. ऑल द बेस्ट"

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