Political turmoil: मध्यप्रदेश सरकार के 20 मंत्रियों ने दिया इस्तीफा, नए सिरे से कैबिनेट बनाएंगे कमलनाथ

Political turmoil: मध्यप्रदेश सरकार के 20 मंत्रियों ने दिया इस्तीफा, नए सिरे से कैबिनेट बनाएंगे कमलनाथ

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-09 13:19 GMT
Political turmoil: मध्यप्रदेश सरकार के 20 मंत्रियों ने दिया इस्तीफा, नए सिरे से कैबिनेट बनाएंगे कमलनाथ

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच 20 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस्तीफे सौंप दिए हैं। साथ ही मंगलवार को विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। राज्य सरकार के लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने सोमवार रात मुख्यमंत्री आवास से निकलने के बाद संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में मौजूद 20 मंत्रियों ने अपने इस्तीफे सौंप दिए हैं। हम भाजपा की घृणित चाल को पूरा नहीं होने देंगे। वर्मा ने आगे बताया कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक मंगलवार को शाम 5 बजे बुलाई गई है।

नया मंत्रिमंडल बनाएंगे सीएम कमलनाथ
बता दें कि सीएम कमलनाथ ने यह कदम वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक करीब 17 विधायकों के बेंगलुरू पहुंचने के बाद उठाया है। ​मुख्यमंत्री कमलनाथ दिल्ली में अपना दौरा बीच में ही छोड़कर भोपाल पहुंचे और आनन-फानन में कैबिनेट की बैठक बुलाकर अपने मंत्रियों से इस्तीफा ले लिया है। बताया जा रहा है कि मंत्रियों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ नए सिरे से मंत्रिमंडल का गठन करेंगे।

माफिया के सहयोग से सरकार अस्थिर करना चाहती है भाजपा
कमल नाथ ने सोमवार की रात एक बयान जारी कर कहा है, मैंने अपना समूचा सार्वजनिक जीवन जनता की सेवा के लिए समर्पित किया है। मेरे लिए सरकार होने का अर्थ सत्ता की भूख नहीं, जन सेवा का पवित्र उद्देश्य है। 15 वर्षों तक भाजपा ने सत्ता को सेवा का नहीं, भोग का साधन बनाए रखा था और वो आज भी माफिया के सहयोग से मध्यप्रदेश की सरकार को अस्थिर करना चाहती है।

कांग्रेस के 20 विधायक बेंगलुरू में
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के 20 विधायक कर्नाटक में हैं। बताया जा रहा है कि ये सभी विधायक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे से हैं। इन सभी विधायकों के फोन बंद आ रहे हैं। खास ​बात तो ये है कि इनमें छह मंत्री पद के विधायक भी हैं। बताया जा रहा है कि इन विधायकों को बेंगलुरू के बाहरी इलाके में किसी रिजॉर्ट में ठहराया गया है। अभी तक की जानकारी के मुताबिक राजवर्धन सिंह, बंकिम सिलावत, गिरिराज, रक्षा, जसवंत जाटव, सुरेश धाकड़, जजपाल सिंह, बृजेंद्र यादव और पुरुषोत्तम पराशर बेंगलुरु पहुंचे हैं। इनके अलावा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के भी जाने की खबर है। ये सभी विधायक यदि कांग्रेस से इस्तिफा देते हैं तो मध्यप्रदेश में सरकार अल्पमत के कारण गिर सकते हैं।

कमलनाथ ने बुलाई आपात बैठक
इस घटनाक्रम के मद्देनजर जानकारी के अनुसार सीएम कमलनाथ अपना दिल्ली का दौरा बीच में ही खत्म कर भोपाल लौट आए हैं। भोपाल में सीएम कमलनाथ ने आपात बैठक बुलाई है। बैठक में वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और अन्य वरि​ष्ठ मंत्री मौजूद हैं। कमलनाथ को समर्थन करने वाले कई विधायक भी इस बैठक में पहुंच रहे हैं। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस नेतृत्व ज्योतिरादित्य सिंधिया को मनाने में जुट गई है और उन्हें मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है।

बीते सप्ताह 10 विधायक हुए थे लापाता
बता दें कि राज्य में बीते एक सप्ताह से कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने की कोशिशों का शोर है। बीते सप्ताह सरकार को समर्थन देने वाले 10 विधायक भी लापता हुए थे, जिनमें से 8 लौट आए हैं। इस बीच सोमवार को फिर सिंधिया समर्थक 17 विधायकों के बेंगलुरू पहुंचने की खबर आने से एक बार फिर सियासी घमासान छिड़ गया है। सिंधिया के करीबी एक सूत्र ने बताया कि एक दर्जन से अधिक विधायक बेंगलुरू में हैं और सभी विधायकों के फोन भी बंद आ रहे हैं। आशंका इस बात की भी जताई जा रही है कि सिंधिया समर्थक कुछ विधायक भाजपा के संपर्क में भी हो सकते हैं। 

सिंधिया को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाने की मांग
सूत्र का कहना है कि सिंधिया समर्थक मंत्री और विधायक चाहते हैं कि सिंधिया को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाए जाने के साथ ही प्रदेशाध्यक्ष की भी कमान सौंपी जाए। इसी के मद्देनजर दबाव बनाने की रणनीति के तहत मंत्रियों और विधायकों ने बेंगलुरू में डेरा डाल रखा है। सूत्र के अनुसार, ये विधायक सोमवार सुबह ही बेंगलुरू पहुंचे हैं। बता दें कि राज्य की रिक्त हो रही तीन राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है और नामांकन भरे जाने की अंतिम तारीख 13 मार्च है। कांग्रेस के खाते में तीन में से दो सीटों के आने की संभावना है। इसी के चलते कांग्रेस में उम्मीदवारों के नामों को लेकर मंथन चल रहा है। राज्य से कांग्रेस की ओर से ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह को बड़ा दावेदार माना जा रहा है।

सरेंद्र सिंह ने गृहमंत्री बनने की इच्छा जाहिर की
वहीं कांग्रेस के दो विधायकों का छह दिन बाद भी कुछ अता-पता नहीं है। जबकि निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा सोमवार सुबह मुंबई से भोपाल वापस आ गए हैं। वह सीधे वित्त मंत्री तरुण भनोट से मिलने के लिए उनके आवास पर पहुंचे। जहां उन्होंने गृहमंत्री बनने की इच्छा जाहिर की।

कर्ण सिंह मध्यस्थता कराने में जुटे
वहीं, वरिष्ठ कांग्रेस नेता कर्ण सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के बीच मध्यस्थता कराने में जुटे हैं। दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थिति उनके आवास पर दोनों नेता मौजूद रहे। 

विधायकों के जाने से कांग्रेस पर ये संकट
मध्यप्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं। 2 विधायकों का निधन होने से वर्तमान में विधानसभा में 228 सदस्य हैं। कांग्रेस गठबंधन में 121 विधायक हैं। इनमें से कांग्रेस के 114, 4 निर्दलीय विधायक, 2 बीएसपी (एक पार्टी से निलंबित) और 1 एसपी विधायक का भी समर्थन मिला हुआ है। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास 107 विधायक हैं और बहुमत का आंकड़ा 116 है। ऐसे में यदि कांग्रेस के 10 विधायक भी यदि भाजपा में शामिल हो जाते हैं तो उसके पास 117 विधानसभा सदस्य हो जाएंगे। ऐसी स्थिति में वह विधानसभा में तख्ता पलट कर सकती है। 

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