राहुल की सांसदी जाने पर गरमाई सियासत, कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने किया पलटवार, कहा - अपशब्द बोलने का अधिकार किसी को नहीं, देश में कानून सबसे ऊपर

आरोप-प्रत्यारोप का दौर राहुल की सांसदी जाने पर गरमाई सियासत, कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने किया पलटवार, कहा - अपशब्द बोलने का अधिकार किसी को नहीं, देश में कानून सबसे ऊपर

Anchal Shridhar
Update: 2023-03-24 13:06 GMT
राहुल की सांसदी जाने पर गरमाई सियासत, कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने किया पलटवार, कहा - अपशब्द बोलने का अधिकार किसी को नहीं, देश में कानून सबसे ऊपर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की राज्यसभा रद्द होने के बाद सियासत गरमा गई है। कांग्रेस और बीजेपी में इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस ने जहां इसे बीजेपी सरकार की तानाशाही करार दिया है वहीं बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि देश में कानून से बड़ा कोई नहीं है। 

बीजेपी की तरफ से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि 'राहुल गांधी ने एक सार्वजनिक सभा में पीएम मोदी के सरनेम के साथ अपशब्द जोड़ा था। उन्होंने जातिसूचक शब्द का यूज करके अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। इस मामले पर सूरत की कोर्ट ने जो फैसला दिया है वो इस बात को दर्शाता है कि भारत की कानून व्यवस्था और लोकतांत्रिक पद्धति से ऊंचा नहीं है। गाली देने का अधिकार किसी को नहीं है। देश में कानून ही सर्वोपरि है।' 

बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 'अभद्र भाषा का प्रयोग करना, अपमान करना और अपशब्द बोलना राहुल गांधी की आदत बन चुकी है। वह खुद को संविधान से ऊपर रखते हैं।' उन्होंने कहा था कि 'मैं दुर्भाग्य से सांसद हूं। आज उन्हें उससे भी मुक्ति मिल गई है।' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 'राहुल गांधी देश के पहले ऐसे नेता नहीं हैं जिन्हें अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी है। उनसे पहले आजम खान, विक्रम सैनी और मोहम्मद फैजल जैसे नेताओं की भी मेंम्बरशिप जा चुकी है।' 

उन्होंने कहा कि 'राहुल गांधी का पहले से ही असंसदीय आचरण रहा है, अहंकार इनका दिखता रहा है। क्या एक भी सही राय देने वाला कांग्रेस में नहीं बचा या जानबूझकर गलत सलाह दी गई। राहुल गांधी ने पहले ही अपने पार्टी का अध्यादेश फाड़ दिया था आज उन्हीं की पार्टी में से किसी ने खेल कर दिया इन्हें पता नहीं चला।' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 'राहुल गांधी 7 जगह जमानत पर हैं, बार-बार झूठ बोलने, अवमानना के लिए उन्हें जमानत दी गई है। वे एक आदतन अपराधी हैं, इन्हें ऐसा लगता था कि देश का कानून या कोई व्यक्ति कुछ कर नहीं सकता। इनके पास माफी मांगने के लिए 3 साल थे लेकिन इन्होंने माफी नहीं मांगी।' 

वहीं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 'कांग्रेस पार्टी और एक विशेष परिवार चाहता है कि उनके लिए अलग आईपीसी बने, उन्हें सज़ा न हो, हम समूह से अलग हैं क्योंकि हम एक खास परिवार से आते हैं। लेकिन मैं उन्हें याद दिला दूं देश 75 साल से प्रजातंत्र अपना चुका है। आप पिछड़े समाज को गाली देंगे, अपशब्द का इस्तेमाल करेंगे ये सामंती मानसिकता का परिचायक है। '

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