शिवसेना का चुनाव चिन्ह जब्त, नए चिन्ह के लिए आयोग ने दोनों गुटों को दिया 10 अक्टूबर तक का समय

नए नाम और चुनाव चिन्ह के साथ लड़ेगे उपचुनाव! शिवसेना का चुनाव चिन्ह जब्त, नए चिन्ह के लिए आयोग ने दोनों गुटों को दिया 10 अक्टूबर तक का समय

Raja Verma
Update: 2022-10-08 18:01 GMT
शिवसेना का चुनाव चिन्ह जब्त, नए चिन्ह के लिए आयोग ने दोनों गुटों को दिया 10 अक्टूबर तक का समय

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। केंद्रीय चुनाव आयोग ने आखिरकार शिवसेना का धनुष और तीर चुनाव चिन्ह को फ्रीज कर दिया। ठाकरे और शिंदे गुट की ओर से अपने दावे से संबंधित दस्तावेज पेश करने के बाद चुनाव आयोग ने शनिवार को मामले पर लंबी बैठक करने के बाद यह फैसला लिया। चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को नए चुनाव चिन्ह के लिए सोमवार तक का समय दिया है। इस फैसले के बाद 3 नवंबर को होने जा रहे अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव में दोनों गुटों को नए चुनाव चिन्ह के साथ जाना होगा।

चुनाव आयोग ने केवल चुनाव चिन्ह ही फ्रीज नहीं किया, बल्कि दोनों ही गुटों को शिवसेना किसकी इस मुद्दे पर जब तक अंतिम फैसला नहीं हो जाता तब तक पार्टी के नाम का इस्तेमाल करने पर भी रोक लगाई है। आयोग ने दोनों गुटों को उनकी पहचान के लिए नामों के वरीयता क्रम में तीन विकल्प भी देने को कहा है। जिनमें से कोई भी एक नाम आयोग द्वारा अनुमोदित किया जा सकता है। इसके साथ ही आयोग ने अपने आदेश में स्पष्ट कर दिया है कि दोनों गुटों के पास नया चुनाव चिन्ह पाने के लिए 10 अक्टूबर तक का समय होगा। इसके लिए वे अपनी पसंद के चुनाव चिन्ह के तीन नाम आयोग को दे सकते है।

आयोग के इस आदेश के बाद दोनों गुट यह कहते हुए मतदाता के पास नहीं जा सकेंगे कि वही असली शिवसेना है। अंतिम फैसला होने तक उनकी पहचान ठाकरे गुट और शिंदे गुट होगी।

शिंदे और उद्धव गुट आमने सामने 
बता दें उद्धव ठाकरे और शिंदे गुट के बीच शिवसेना पार्टी के नाम और उसके चुनाव चिन्ह को लेकर लड़ाई चल रही है। दोनों ही गुट अपने आप को असली शिवसेना होने का दावा करता है। शिंदे गुट का कहना है कि उनके पास शिवसेना के विधायकों और लोकसभा सदस्यों की संख्या ज्यादा है। तो वहीं ठाकरे गुट का कहना है कि एकनाथ शिंदे तो पार्टी छोड़कर जा चुके हैं तो ऐसे में वह पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर कैसे दावा कर सकते हैं। 

किस गुट के पास कितने विधायक और सांसद 
 गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे और शिवसेना के अन्य 39 विधायकों ने जून में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया था।और नतीजा ये हुआ कि महाराष्ट्र में चल रही उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई। वर्तमान में शिंदे गुट में सीएम सहित 40 विधायक और 12 लोकसभा सदस्य शामिल हैं। वहीं ठाकरे गुट के पास 15 विधायक और छह लोकसभा सदस्य हैं। बता दें गत 30 जून को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
 

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