फिर पलटेगी सियासी बिसात, सिर्फ एक फोन पर अटकी बात, जल्द एक होगी शिवसेना और बीजेपी!

महाराष्ट्र राजनीति फिर पलटेगी सियासी बिसात, सिर्फ एक फोन पर अटकी बात, जल्द एक होगी शिवसेना और बीजेपी!

Anupam Tiwari
Update: 2022-07-14 11:55 GMT
फिर पलटेगी सियासी बिसात, सिर्फ एक फोन पर अटकी बात, जल्द एक होगी शिवसेना और बीजेपी!

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में भले ही उद्धव ठाकरे की सत्ता चली गई हो लेकिन इन दिनों बीजेपी और उद्धव ठाकरे की सेना के गठबंधन को लेकर कयासों का बाजार गर्म है। एक बार फिर से उद्धव ठाकरे की शिवसेना व भाजपा के बीच दोस्ती को लेकर सवाल उठ रहे हैं। ये बात तब सामने आई जब हाल ही में कई नेताओं के बयान आए हैं।

एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने गुरूवार को कहा कि दोनों ओर से केवल इस बात की प्रतिष्ठा लगी है कि पहले फोन कौन करे। हालांकि उन्होंने कहा कि भाजपा हाईकमान और मातोश्री के बीच इस वक्त बातचीत ठप हो गई है। दोनों पार्टियों का सम्मान गठबंधन में फंसा हुआ है। दीपक केसरकर ने यह बात एबीपी मराठी चैनल से बातचीत के दौरान बताई। वहीं सांसदों के एकनाथ शिंदे के समर्थन में आने पर कहा कि मैं सांसदों का प्रवक्ता नहीं हूं। मैं तो केवल एकनाथ शिंदे का प्रवक्ता हूं।

उद्धव ठाकरे से की थी अपील

महाराष्ट्र के सियासी ड्रामे को लेकर भी दीपक केसरकर ने कहा कि गुवाहाटी से हमने उद्धव ठाकरे से अपील की थी कि महाविकास अघाड़ी के साथ गठबंधन तोड़ लें फिर 50 विधायक वापस आ जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। केसरकर ने कहा अगर मैं बीजेपी के साथ जाऊंगा तो यह सामूहिक फैसला होगा। उस समय आपको बीजेपी पर विचार करना होगा। हालांकि दीपक केसरकर के इस बयान के बाद अभी तक उद्धव ठाकरे की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

बीजेपी नेता ने किया दावा

गौरतलब है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने इस बात पर जोर देते हुए कहा है कि अब बीजेपी और शिवसेना गठबंधन है। एकनाथ शिंदे ही असली शिवसैनिक हैं और उनके साथ के विधायकों का भी उनको समर्थन हासिल है। इसलिए महाराष्ट्र में बीजेपी व शिवसेना गठबंधन की सरकार है।

बीजेपी नेता ने दावा किया कि हम रोज एकनाथ शिंदे को बुलाते और वह रोजाना डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के संपर्क में हैं। इसलिए उद्धव ठाकरे को फोन करने का कोई सवाल ही नहीं उठता। इस तरह से बीजेपी वरिष्ठ नेता मुनगंटीवार ने साफ कर दिया है कि बीजेपी की तरफ से उद्धव ठाकरे से संपर्क करने का सवाल ही नहीं उठता है।

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