पंजाब गृहयुद्ध की ओर बढ़ रहा
सुखबीर बादल पंजाब गृहयुद्ध की ओर बढ़ रहा
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान से इस्तीफा की मांग की है। बादल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि पंजाब में स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही है। राज्य गृह युद्ध की ओर बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में भगवंत मान इस्तीफा दे सकते हैं और पंजाबियों से नया जनादेश लेने के लिए आम आदमी पार्टी पर दबाव बना सकते हैं।
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि बीते नौ महीने राज्य के इतिहास में सबसे खराब रहे हैं। कोई सुरिक्षत नहीं है। विशेष रूप से कमजोर व्यवसायी और व्यापारी हैं जिन्हें दैनिक आधार पर फिरौती के लिए मजबूर किया जा रहा है। उद्योगपति निवेश करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से संपर्क कर रहे हैं। यूपी के सीएम ने मुझसे यह भी कहा कि उद्योगपति उत्तर प्रदेश में शिफ्ट होना चाहते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि पंजाब अब सुरक्षित नहीं है। पंजाब में भी पिछले एक साल से औद्योगिक नीति का अभाव है। पंजाब से उद्योग के बाहर निकलने से बड़े पैमाने पर बेरोजगारी बढ़ेगी।
सुखबीर बादल ने कहा कि पंजाब वित्तीय आपातकाल के कगार पर है। पंजाब ने बीते नौ महीनों में 30 हजार करोड़ रुपये उधार लिए हैं, इनके पास दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है। जीएसटी, स्टांप शुल्क और भूमि राजस्व नीचे चला गया है। राजस्व व्यय बढ़ने के बावजूद बुनियादी ढांचे में कोई निवेश नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि यह स्थिति बार-बार होने वाले घोटालों के कारण है, जिसमें लेटेस्ट 300 करोड़ रुपये का विज्ञापन घोटाला है, जिसके तहत गुजरात समेत पूरे देश में आम आदमी पार्टी के राजनीतिक संदेश को फैलाने के लिए सरकारी धन का उपयोग किया गया था। उन्होंने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मामले की जांच का आदेश देने और आप से 300 करोड़ रुपये वसूलने की अपील की है।
बादल ने कहा कि यह भी चौंकाने वाली बात है कि मुख्यमंत्री ने शासन को पूरी तरह आप आलाकमान के हवाले कर दिया है। इससे पहले, आप आलाकमान ने पंजाब में पूरे शराब कारोबार को दिल्ली से अपने पसंदीदों के हवाले कर 500 करोड़ रुपये के आबकारी घोटाले का मास्टरमाइंड किया था।
अब, यह पंजाब में अचल संपत्ति पर नियंत्रण कर रहा है। अरविंद केजरीवाल के चहेते सत्य गोपाल पंजाब के रेरा के अध्यक्ष बने। इससे पता चलता है कि केजरीवाल ने किस हद तक पंजाब और उसके संसाधनों पर नियंत्रण कर लिया है। शिअद अध्यक्ष ने कहा कि प्रशासन की कमी के कारण पूरा प्रदेश चरमरा रहा है। उन्होंने कहा कि आप सरकार के कुप्रबंधन के कारण राज्य की बिजली कंपनी-पीएसपीसीएल दिवालिया होने की कगार पर है। राज्य सरकार पीएसपीसीएल को 22 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी का भुगतान करने में विफल रही है।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के दौर में पंजाब दो दशक पीछे चला गया है। उन्होंने कहा कि हम इस तरह की स्थिति को फिर से पैदा नहीं होने दे सकते। यह सबसे अच्छा है कि भगवंत मान इस्तीफा दें और पंजाबियों को एक नया जनादेश चुनने की अनुमति दें।
(आईएएनएस)
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