जल संकट पर गंभीरता से काम करना होगा : शेखावत (आईएएनएस साक्षात्कार)

जल संकट पर गंभीरता से काम करना होगा : शेखावत (आईएएनएस साक्षात्कार)

IANS News
Update: 2020-04-29 12:30 GMT
जल संकट पर गंभीरता से काम करना होगा : शेखावत (आईएएनएस साक्षात्कार)

नई दिल्ली, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि कोरोना की वैश्विक महामारी के दौरान हमें जल संकट पर गंभीरता से काम करना होगा। उन्होंने कहा कि अब बारिश का समय घट गया है यानी 45 दिनों में ही 90 प्रतिशत पानी बरस जाता है। ऐसे में 45 दिन में बरसे पानी को बाकी बचे हुए 320 दिन के लिए बचाकर रखने की जरूरत है।

जलशक्ति मंत्री शेखावत ने आईएएनएस से खास बातचीत में राजस्थान में पिछली भाजपा सरकार के समय की जल स्वावलंबन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना में अच्छा काम हुआ था। इसके माध्यम से भूजल के गिरते स्तर को राज्य और देश में रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि यह योजना राजनीति का शिकार हो गया, इस पर आगे काम ही नहीं हुआ।

यह पूछे जाने पर क्या देश में इस बार पानी की उपलब्धता कैसी रहेगी? जल शक्ति मंत्री ने कहा, हमने देश के 5 हजार जलाशयों में से 132 जलाशयों का निरीक्षण करवाया है। मुझे कहने में ये प्रसन्नता हो रही है कि पिछले बर्ष के मुकाबले हमारे जलाशयों में 56 फीसदी अधिक जल है, जो पिछले 10 सालों में सबसे अधिक है। इस साल मानसून भी अच्छा रहने वाला है। लिहाजा पानी की समस्या नहीं होनी चाहिये।

इसके साथ ही उन्होंने यह भी याद दिलाया कि वल्र्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट के अनुसार, निकट भविष्य में भारत समेत 17 देश दुनिया में पानी के संकट का सामना करने वाले हैं। आजादी के समय हमारी प्रति व्यक्ति पानी की जरूरत 5000 क्यूबिक मीटर थी, जो अब घटकर 1540 क्यूबिक मीटर पर आ गई है।

शेखावत ने कहा, क्लामेंट चेंज का जो खतरा सामने खड़ा है, सारा विश्व उससे घबरा रहा है। हमारा बरसात का समय घट गया है। 45 दिनों में ही 90 प्रतिशत पानी बरस जाता है। इसलिए हमें 45 दिन में बरसे पानी को बाकी बचे हुए 320 दिन के लिए बचाकर रखने की जरूरत है। हमारे यहां जल स्रोतों की संख्या घटी है। जिन तालाबों को हमने पहले भरा देखा था, उनमें से कई लुप्त हो गए हैं। इसलिए हमें अपने व्यवहार में परिवर्तन लाने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हर घर तक पाइप से पीने का पानी पहुंचाने की योजना पर शेखावत ने कहा, 2024 तक हर घर तक नल से पहुंचेगा। आजादी के 73 साल बाद भी देश में 18 प्रतिशत ग्रामीण आवासों तक पीने का पानी नल के माध्यम से पहुंचता है। अब 2024 तक शेष आवासों तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए जरूरी निर्देश दिया जा चुका है। हम इसको एक निश्चित समय में पूरा करेंगे। हम लॉक डाउन के बावजूद इस दिशा में काम कर रहे हैं।

क्या कोरोना का इस मिशन पर असर नहीं पड़ रहा है? जल शक्ति मंत्री ने कहा, कोरोना के कारण कुछ व्यावधान जरूर आया है, लेकिन लॉकडाउन खत्म होते ही हम इस कार्य को कैसे गति दे सकते हैं, उस दिशा में काम करना हमने प्रारंभ कर दिया है।

राजस्थान में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या पर जल शक्ति मंत्री ने कहा कि राज्य में कोरोना वायरस को रोकने के लिए दिशा निदेर्शो का भीलवाड़ा शहर में ठीक से अमल हुआ। लेकिन राज्य के अन्य भागों में इस वायरस से लड़ने में सरकार और प्रशासन ने तत्परता नहीं दिखाई। लॉक डाउन को ठीक से राज्य में पालन नहीं किया गया, जिसकी वजह से कोरोना के इतने मामले सामने आए हैं।

क्या तबलीगी जमात की वजह से राज्य में सक्रंमण बढ़ा? इस पर केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री ने साफ-साफ कहा कि तबलीगी जमात की वजह से जोधपुर, जयपुर और राज्य के दूसरे हिस्सों में कोविड -19 वायरस फैला। इस मामले को ठीक से हैंडल नहीं किया गया।

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