लोकसभा चुनाव 2024: ओवैसी का पीएम मोदी पर तीखा हमला, मुसलमानों के अपमान का लगाया आरोप, मंगलसूत्र और आरक्षण मुद्दे पर भी घेरा

  • एआईएमआईएम प्रमुख असुदद्दीन ओवैसी का बड़ा हमला
  • पीएम मोदी पर मुसलमानों का अपमान करने का लगाया आरोप
  • मंगलसूत्र और आरक्षण वाले बयान पर साधा निशाना

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-26 09:17 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव का सांतवे और अंतिम चरण का मतदान 1 जून को है। इससे पहले शनिवार को छठे चरण के मतदान में 8 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की 58 सीटों पर 61.20 फीसदी के सात मतदान हुआ था। इसके बाद राजनीतिक दल अंतिम चरण के चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। इस कड़ी में एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मंगलसूत्र और आरक्षण वाले बयान देने पर बड़ा हमला बोला है। ओवैसी ने कहा है कि ये बयान देकर पीएम मोदी ने मुस्लमानों का अपमान किया है। एआईएमआईएम सुप्रीमो बिहार के काराकाट संसदीय क्षेत्र के रोहतास जिले में शनिवार को आयोजित एक जनसभा में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा, "दिल्ली में अगर जरूरत पड़ेगी भारत की जनता ऐसा फैसला देगी कि तीसरी देश का प्रधानमंत्री नरेंद्र न बनें। मैं आपसे वादा करता हूं कि एआईएमआईएम पार्टी यकीनन कोशिश करके किसी ऐसे व्यक्ति को देश का प्रधानमंत्री बनाएगी जिसका संबंध भाजपा और मोदी से न हो।"

पीएम मोदी पर बोला हमला 

ओवैसी ने आगे कहा, "मोदी ने झूठ बोला जब उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाएं अधिक बच्चे पैदा करती हैं। वह बार-बार यह कहकर समुदाय की तौहीन कर रहे हैं कि मुसलमान मंगलसूत्र ले लेंगे। एक सच्चा मुसलमान हमेशा अपनी बहनों और उनके मंगलसूत्रों की रक्षा करेंगे।" एआईएमआईएम सुप्रीमो ने रोहतास जिले के नासरीगंज में काराकाट प्रत्याशी के समर्थन में सभा को संबोधित किया। ओवैसी ने कहा, "हमारी बहन प्रियंका चौधरी को वोट दें। यह मेरा वादा है कि मेरी पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि देश का अगला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या भाजपा का कोई अन्य नेता नहीं हो।"

मोदी के सत्ता में आने पर उठाए सवाल

इस दौरान हैदराबाद सांसद ने दावा करते हुए कहा, "अगर मोदी दोबारा सत्ता में आए तो लोगों की समस्याएं कोई नहीं सुनेगा। अगर युवा नौकरी के लिए आवाज उठाएंगे तो वे राम मंदिर पर ताले का हौवा खड़ा करने की कोशिश करेंगे।" ओवैसी ने कहा, "अग्निवीर योजना से पता चलता है कि रोजगार सृजन पर मोदी का रुख क्या है। अगर वह फिर से सत्ता में आते हैं तो सरकार सीआरपीएफ, बीएसएफ और एसएसबी जैसे अर्धसैनिक बलों के लिए इसी तरह की चार साल की संविदा वाली सेवाएं ला सकती है।"

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