लोकसभा चुनाव 2024: लोकसभा चुनाव के बीच आरक्षण पर गरमाई सियासत, विपक्ष के आरोपों पर अमित शाह और मोहन भागवत ने किया पलटवार

  • लोकसभा चुनाव में गरमाया आरक्षण का मुद्दा
  • राहुल गांधी के आरोपों को अमित शाह ने बताया झूठ
  • मोहन भागवत ने आरक्षण का समर्थन करने की कही बात

Anchal Shridhar
Update: 2024-04-28 12:53 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव में पहले दो चरणों की वोटिंग हो चुकी है। पांच चरण अभी बाकी हैं। इस बीच आरक्षण के मुद्दे पर सियासत गरमागई है। विपक्षी दल जहां आरोप लगा रहे हैं कि एनडीए की सरकार बनने पर आरक्षण खत्म हो जाएगा। इसके बाद देश बाबा साहेब के संविधान से नहीं बल्कि आरएसएस के संविधान से चलेगा। वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि विपक्ष का मकसद एससी, एसटी और ओबीसी से उनके अधिकार छीनना है।

विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच आरक्षण को लेकर चल रही बयानबाजी पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि संघ ने कभी भी कुछ खास वर्गों को मिलने वाले आरक्षण पर विरोध नहीं जताया। हैदराबाद के एक शैक्षणिक संस्थान के प्रोग्राम में भागवत ने कहा कि संघ का यह मानना है कि जब तक जरुरत है आरक्षण जारी रहना चाहिए।

संघ प्रमुख ने कहा कि मेरे यहां आने पर एक वीडियो वायरल किया जा रहा था कि आरएसएस आरक्षण के खिलाफ है। यह पूरी तरह से झूठ है। संघ शुरूआत से ही संविधान के मुताबिक सभी आरक्षणों का समर्थन करता है।

कैसे गरमाया आरक्षण का मुद्दा

लोकसभा चुनाव के बीच आरक्षण का मुद्दा सबसे पहले कांग्रेस से 6 साल के लिए निष्कासित हुए नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम के वायरल हो रहे वीडियो से हुई। इस वीडियो में वह आरक्षण को हटाने की बात करते नजर आ रहे हैं। अपने वीडियो के वायरल होने पर प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मेरा यह वीडियो 1 साल पुराना है और इसमें मेरे बयान को आधा ही दिखाया गया है। उन्होंने कहा, 'वह वीडियो एक साल पुराना 24 सितंबर 2023 का है। भाषण भी आधा है, अब कांग्रेस के मैनेजर इस पर ट्वीट कर रहे हैं, बयान दे रहे हैं। मुझे बताया गया है कि राहुल गांधी ने भी इस बारे में कुछ कहा या लिखा है। वे इसे प्रधानमंत्री मोदी से जोड़ रहे हैं।'

आचार्य प्रमोद कृष्णम के इस वीडियो के वायरल होने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे लेकर एक्स पर पोस्ट किया। जिसमें उन्होंने लिखा, 'भाजपा नेताओं और नरेंद्र मोदी के करीबियों के बयानों से अब साफ हो गया है कि उनका उद्देश्य संविधान बदल कर देश का लोकतंत्र तबाह कर देना है। वे दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों का आरक्षण छीन कर देश चलाने में उनकी भागीदारी खत्म करना चाहते हैं, लेकिन संविधान और आरक्षण की रक्षा के लिए कांग्रेस चट्टान की तरह भाजपा की राह में खड़ी है। जब तक कांग्रेस है, वंचितों से उनका आरक्षण दुनिया की कोई ताकत नहीं छीन सकती।'

शाह ने किया पलटवार

राहुल गांधी के पोस्ट पर बीजेपी नेता और देश के गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, 'राहुल गांधी निराधार झूठ बोलकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। भाजपा की सरकार इस देश में 10 साल से चल रही है। दोनों बार पूर्ण बहुमत की सरकार रही है। अगर भाजपा की मंशा होती कि आरक्षण को खत्म करना है, तो हो चुका होता। बल्कि नरेंद्र मोदी जी ने पूरे देश के दलित, पिछड़े और आदिवासी भाई-बहनों को गारंटी दी है कि जब तक भाजपा है, आरक्षण को कोई हाथ नहीं लगा सकता है।'

शाह ने आगे कहा, 'मैं आज देश की जनता को कहना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा एससी-एसटी और ओबीसी के आरक्षण पर हमले किए हैं। कर्नाटक में उनकी सरकार आई, 4 प्रतिशत अल्पसंख्यक आरक्षण किया, किसका कोटा काटा? ओबीसी (आरक्षण) में कटौती की गई। आंध्र प्रदेश में उनकी सरकार आई, वहां भी उन्होंने 5 फीसदी अल्पसंख्यक आरक्षण किया। मैं देश की जनता को फिर से मोदी की गारंटी की याद दिलाना चाहता हूं कि जब तक भाजपा राजनीति में है एससी-एसटी और ओबीसी के आरक्षण को कुछ नहीं होने देगी, ये मोदी की गारंटी है।'

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