चुनावी बॉण्ड पर बयान: पीएम मोदी ने कहा, यही हैं जिसकी वजह से आज आप जान पा रहे हैं बॉन्ड किसने खरीदा और किसे दिया?

  • 2014 से पहले राजनीतिक दलों को मिले पैसे का कोई हिसाब नहीं मिलता था
  • सरकार को झटका मानने से किया इनकार
  • 29 जनवरी, 2018 को लागू हुआ था चुनावी बॉण्ड

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-01 04:49 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी बॉण्ड को लेकर कहा कि 2014 से पहले राजनीतिक दलों को मिले पैसे का कोई हिसाब नहीं मिलता था। मुझे बताइये ऐसा क्या हुआ है जिससे यह माना जाए कि यह मेरी सरकार के लिए झटका है। मैं पक्का मानता हूं कि जो लोग इसे लेकर आज नाच रहे हैं वो पछताने वाले हैं। पीएम मोदी ने ये सब बातें तमिलनाडु के एक टीवी चैनल को दिए एक साक्षात्कार में कही। प्रधानमंत्री ने चुनावी बॉन्ड योजना के सुप्रीम कोर्ट से खारिज होने को अपनी सरकार के लिए झटका मानने से इनकार कर दिया।

इस दौरान पीएम मोदी ने उन सभी लोगों से एक सवाल किया जो चुनावी बॉण्ड के खिलाफ है। पीएम ने कहा 2014 से पहले जितने भी चुनाव हुए, उनमें पैसा तो खर्च हुआ ही होगा, तो कौन सी ऐसी एजेंसी है जो बता पाए कि पैसा कहां से आया, कहां गया? अमर उजाला के मुताबिक  पीएम मोदी ने आगे कहा कि चुनावी बॉन्ड ही हैं, जिसके कारण आज आप ढूंढ पा रहे हो कि बॉन्ड किसने खरीदा और किसे दिया। इसके कारण लेनदेन का पता चल पा रहा है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कोई व्यवस्था पूर्ण नहीं होती, खामियां हो सकती हैं लेकिन उन्हें सुधारा भी जा सकता है।

आपको बता दें चुनावी बॉन्ड को फाइनेंशियल (वित्तीय) बिल (2017) के साथ पेश किया गया था। 29 जनवरी, 2018 को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने चुनावी बॉन्ड योजना 2018 को अधिसूचित किया था। उसी दिन से इसकी शुरुआत हुई। चुनावी बॉन्ड को कोई व्यक्ति या कंपनी एसबीआई की चुनिंदा शाखाओं से खरीदकर अपने पसंदीदा राजनीतिक दल को दान कर सकता है। बैंक चुनावी बॉन्ड उसी ग्राहक को बेचते थे, जिनका केवाईसी सत्यापित होता था। यू मानें कि चुनावी बॉण्ड राजनीतिक दलों को दान करने का जरिया है। बॉन्ड पर चंदा देने वाले के नाम का जिक्र नहीं होता था। राजनीतिक दल दान या चंदे के रुप में प्राप्त चुनावी बॉण्ड को बैंक में जमा कर रकम प्राप्त कर लेते। 

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