बजट 2024: किसी ने कहा 'निराशाजनक' तो किसी ने बताया 'बीजेपी का विदाई बजट', जानें अंतरिम बजट को लेकर किस विपक्षी नेता ने क्या कहा?

  • मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट हुआ पेश
  • विपक्षी दल के नेताओं ने दी प्रतिक्रिया
  • बजट को बताया चुनावी लॉलीपॉप

Anchal Shridhar
Update: 2024-02-01 13:45 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नए संसद भवन में आज केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश किया। इस बजट में वित्त मंत्री ने मोदी सरकार की बीते 10 सालों की उपलब्धियां बताने के साथ ही कई बड़ी घोषणाएं कीं। जिनमें सरकार द्वारा इस बार टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं करना, यात्रियों की सुविधाओं के लिए 40 हजार रेल डिब्बों को वंदे भारत की तरह सुविधा संपन्न बनाना और पीएम आवास योजना के तहत 2 करोड़ पक्के घरो निर्माण जैसी घोषणाएं शामिल हैं।

इन सब के बीच बजट आने के बाद अब सत्ताधारी और विपक्षी दल के नेताओं ने रिएक्शन भी आए हैं। जहां एनडीए में शामिल दलों ने बजट की तारीफ की है, वहीं इंडिया गठबंधन और अन्य विपक्षी दलों ने बजट को निराशाजनक बताया है।

यह बीजेपी का विदाई बजट - अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के प्रमुख और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे भाजपा का विदाई बजट बताया है। उन्होंने कहा, मोदी सरकार ने जनविरोधी बजटों का एक दशक पूरा करके एक शर्मनाक रिकार्ड बनाया है, जो फिर कभी नहीं टूटेगा क्योंकि अब सकारात्मक सरकार आने का समय हो गया है।

आम जनता की उम्मीदों पर फिरा पानी - शिवसेना (उद्धव गुट)

शिवसेना (उद्धव गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अंतरिम बजट पर कहा कि इसमें गरीबों, महिला और युवाओं के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा, "कहने और करने में जमीन-आसमान का अंतर है, यही हम 10 साल से देख रहे हैं। इसमें गरीबों, महिला, युवा के लिए कुछ नहीं है। इस बजट ने आम जनता की उम्मीदों पर ठंडे मौसम में ठंडा पानी डालने का काम किया है।"

बजट में गरीबों और किसानों के लिए कुछ नहीं - मल्लिकार्जुन खरगे

अतंरिम बजट पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा है कि "इस बजट में गरीबों, निम्न मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं कहा। पिछले 10 साल में सरकार ने जितने वादे किए थे उसकी जानकारी इन्होंने नहीं दी। मैं पूछना चाहता हूं कि उन्होंने जो वादे किए थे वो कहां तक पहुंचा? इन्होंने किसानों, गरीबों, निम्न मध्यम वर्ग, शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया। इस बजट में कुछ भी नहीं है।"

'बजट जमीनी वास्तविकता से दूर चुनावी लॉलीपॉप ज़्यादा' - मायावती

बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी अंतरिम बजट को लेकर अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, "केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा चुनाव से पूर्व, संसद में आज पेश बजट जमीनी वास्तविकता से दूर चुनावी लुभावने वाला ज़्यादा है। इसके साथ ही देश की जनता की अपार गरीबी, बेरोजगारी व बढ़ती हुई मंहगाई आदि से त्रस्त जीवन को नकारना अति-दुःखद व चिंतनीय है।" उन्होंने आगे लिखा, "इसके साथ ही, देश की अर्थव्यवस्था व विकास संबंधी सरकारी दावों व वादों में जमीनी सच्चाई होती तो फिर यहां के 80 करोड़ से अधिक लोगों को फ़्री में राशन का मोहताज जीवन जीने को मजबूर नहीं होना पड़ता।"

कर्ज लेकर खर्चा चला रही सरकार - कांग्रेस

वहीं लोकसभा में कांग्रेस सचेतक मणिकम टैगोर ने दावा किया कि "यह बजट निराशाजनक है. यह कारपोरेट का हितैषी बजट है जिसमें गरीबों और आम लोगों के लिए कुछ भी नहीं है।" वहीं, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, "चालू वित्त वर्ष में 18 लाख करोड़ रुपए का बजट घाटा है. आने वाले साल में यह और बढ़ेगा। यानी सरकार कर्ज लेकर खर्च चला रही है।"

मोदी सरकार ने थमाया चुनावी लॉलीपॉप

एमपी कांग्रेस के प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने अंतरिम बजट को चुनावी लॉलीपॉप बताते कहा है कि यह बजट केवल सरकार के चहेते उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने वाला है जिसमें महंगाई और बेरोजगारी की ज्वलंत समस्याओं से निपटने का कोई खाका पेश नहीं किया गया है।

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