कानून उल्लंघन: 27 साल पुराने मामले में यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय वाराणसी अदालत से बरी

  • बिना अनुमति धरना प्रदर्शन
  • वाराणसी की एमपीएमएलए कोर्ट में चल रहा था मुकदमा
  • बीते शनिवार को आया फैसला

ANAND VANI
Update: 2024-01-21 11:16 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश के वाराणसी की एक कोर्ट से यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय को 27 साल पुराने एक मामले में राहत मिली है। धरना-प्रदर्शन करने के मामले में अदालत ने शनिवार को सुनवाई करते हुए ये निर्णय लिया है। वाराणसी की एमपीएमएलए कोर्ट में मुकदमा चल रहा था। अदालत ने बीते दिन शनिवार को करीब 27 वर्ष पहले जारी निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर धरना प्रदर्शन करने में कांग्रेस नेता को बरी कर दिया। कांग्रेस नेता अजय राय के अधिवक्ता अनुज यादव ने जानकारी दी कि  27 वर्ष पूर्व बिना अनुमति धरना प्रदर्शन कर आवागमन बाधित करने और धारा 144 (निषेधाज्ञा) के उल्लंघन का आरोप था। अजय राय की तरफ से अधिवक्ता अनुज यादव ने अदालत के सामने उनका पक्ष रखा, कोर्ट ने अजय राय को दोष मुक्त कर दिया।

आपको बता दें 1996 में अजय राय पर अपने समर्थकों को साथ लेकर निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए धरना-प्रदर्शन कर कानून व्यवस्था को भी प्रभावित करने का मामला दर्ज हुआ था, जिसमें राय पर लगे आरोप सिद्ध नहीं हुए। जिस पर वाराणसी की सांसद-विधायक अदालत ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के पक्ष में फैसला देते हुए उन्हें बरी कर दिया है।

शनिवार को वाराणसी की सांसद-विधायक की विशेष अदालत में अपर सिविल जज (सीनियर डिवीजन प्रथम) उज्जवल उपाध्याय ने कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय के खिलाफ दर्ज मामले में फैसला सुनाया। अदालत ने पूर्व मंत्री अजय राय को बरी कर दिया।

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