शिक्षक दिवस : भारतीय हॉकी सितारों ने याद किया अपने गुरुओं का प्रभाव

शिक्षक दिवस : भारतीय हॉकी सितारों ने याद किया अपने गुरुओं का प्रभाव

IANS News
Update: 2020-09-05 11:01 GMT
शिक्षक दिवस : भारतीय हॉकी सितारों ने याद किया अपने गुरुओं का प्रभाव
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डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। शिक्षक दिवस के मौके पर भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीम के खिलाड़ियों ने अपने बचपन के शिक्षकों और प्रशिक्षकों के प्रभाव को याद किया। भारतीय पुरुष टीम के गोलकीपर पी.आर. श्रीजेश ने बताया कि जीवी राजा स्पोर्टस स्कूल में उनके शिक्षक के शब्दों ने कैसे उनकी मदद की। श्रीजेश ने कहा, जीवी राजा स्पोर्टस स्कूल में शुरुआती दिनों में मैं सभी सेशन के दौरान लगभग रोता रहता था और क्लास में बुझा हुआ सा रहता था क्योंकि मुझे अपने घर और परिवार की काफी ज्यादा याद आती थी।

उन्होंने बताया, मेरे एक शिक्षक ने यह नोटिस किया और मुझे बुलाया और कहा कि धैर्य रखो, आप ओनम के लिए तीन महीने के लिए अपने घर जा सकते हो, अपने परिवार के साथ रह सकते हो। तब तक इंतजार करो और अपनी काबिलियत, क्लास और खेल पर फोकस करो। उन चीजों के बारे में मत सोचो जिनको आप नियंत्रण में नहीं ले सकते।

उन्होंने कहा, वो शब्द हमेशा मेरे साथ रहे और आज 2020 में यह सबसे ज्यादा लागू होते हैं, जहां काफी सारी चीजें मेरे हाथ में नहीं हैं। सबसे अच्छी चीज यह है कि आप जिस चीज पर फोकस कर सकते हो उस पर करो। मेरे शिक्षक से यह मैंने सबसे अच्छी सीख हासिल की।

वहीं महिला टीम की गोलकीपर सविता ने कहा, मेरे पिता मेरे सबसे बड़े शिक्षक रहे हैं। उन्होंने हमेशा मेरा मार्गदर्शन किया। खासकर मेरे मुश्किल समय में, जब मैं चोटिल थी। उन्होंने कहा, उन्होंने मुझे कभी हार न मानना सिखाया और मुझे मजबूत बनाया। उनके शब्द मुझे प्रेरित करते रहते हैं।

वहीं पुरुष टीम के खिलाड़ी एसवी सुनील ने कहा, जब आप कुछ बड़ा हासिल करते हो तो कई सारे लोग आपके पीछे आते हैं। मेरे लिए इसकी शुरुआत परिवार से होती है और इसके बाद शिक्षक, प्रशिक्षक जिनके साथ मैंने काम किया। अगर वो लोग नहीं होते तो मेरे लिए सफलता की सीढ़ी चढ़ना मुश्किल होता।

महिला टीम की खिलाड़ी गुरजीत कौर ने अपने बचपन के कच सरदार शरणजीत सिंह को याद करते हुए कहा, हर किसी की जिंदगी में एक गुरु होता है जो आपकी जिंदगी बनाता है और आपको सही रास्ता दिखाता है। मेरे गुरु सरदार शरणजीत सिंह का भी मेरे करियर में ऐसी ही प्रभाव रहा है। उन्होंने मेरे शुरुआती दिनों में मुझे राह दिखाई और फिर मेरे कॉलेज कि दिनों में। राष्ट्रीय कोचिंग शिविर में मुझे अपने प्रशिक्षकों से अच्छा मार्गदर्शन मिला।

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