नागपुर के आंबेडकर अस्पताल में बनेगा 568 बेड का नया हॉस्पिटल

नागपुर के आंबेडकर अस्पताल में बनेगा 568 बेड का नया हॉस्पिटल

Anita Peddulwar
Update: 2020-08-29 10:53 GMT
नागपुर के आंबेडकर अस्पताल में बनेगा 568 बेड का नया हॉस्पिटल

डिजिटल डेस्क,नागपुर।   डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अस्पताल व अनुसंधान केंद्र में 568 बेड का अस्पताल, गहन चिकित्सा (अति विशेषोपचार) अस्पताल, नए स्नातकोत्तर और गहन देखभाल पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। कामठी रोड के इंदोरा परिसर स्थित इस केंद्र में नई सुविधा उपलब्ध होने से मध्य-भारत के गरीब मरीजों को इलाज कराने में मदद मिल सकेगी। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री व नागपुर के पालकमंत्री नितीन राऊत की पहल पर आंबेडकर केंद्र में अस्पताल समेत नए पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार इस संबंध में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख की अध्यक्षता में 2 सितंबर को मंत्रालय में बैठक होगी। बैठक में पालकमंत्री राऊत तथा सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे मौजूद रहेंगे। डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अस्पताल व अनुसंधान केंद्र नागपुर के इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल के अधिकार क्षेत्र में आता है। अस्पताल के उन्नयन से विशेष उपचार और अति-विशेष उपचार दोनों इलाज की सुविधा मिल सकेगी। इस केंद्र की खाली जगह पर 7.56 एकड़ जमीन पर भव्य और आधुनिक पद्धति से इमारत बनाई जाएगी। इसके लिए 917 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है।

निवासी संकुल बनेगा :इसी तरह 8.5 एकड़ जमीन पर अधिकारी और कर्मचारियों को रहने के लिए सभी सुविधा युक्त निवासी संकुल बनाया जाएगा। इसमें बगीचा, खेल का मैदान और सभागार का निर्माण किया जाएगा।

पैरामेडिकल कॉलेज भी बनेगा : परिसर में परिचर्या कॉलेज व पैरामेडिकल कॉलेज भी बनाया जाएगा। इसके लिए कामठी रोड परिसर में उपलब्ध सरकारी जमीन का उपयोग किया जाएगा। केंद्र के अस्पताल में सभी आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। अस्पताल में कार्डियोलॉजी, गुर्दे की बीमारी, हृदय शल्य चिकित्सा, न्यूरोसर्जरी, यूरोलॉजी समेत अन्य विशेष उपचार सेवाएं उपलब्ध होंगी।

17 पाठ्यक्रमों का प्रस्ताव
प्रस्तावित स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में फार्माकोलॉजी,बाल रोग, मनोचिकित्सा, एक्स-रे, ब्लड बैंक, बायोकेमिस्ट्री, पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, सर्जरी, हड्डी रोग, स्त्री रोग और प्रसूति समेत 17 पाठ्यक्रम हैं। इससे पहले 4 मार्च 2014 को तत्कालीन कांग्रेस-राकांपा आघाड़ी सरकार के मंत्रिमंडल ने आंबेडकर केंद्र के उन्नयन को मंजूरी दी थी, लेकिन बाद में राज्य सत्ता परिवर्तन से इस फैसले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया । अब पालकमंत्री व राज्य के ऊर्जा मंत्री राऊत इस फैसले को अमलीजामा पहनाने में फिर से जुट गए हैं।

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