मानव तस्करी: मासूम को बेचने की थी तैयारी, अगवा करने में था अंतरराज्यीय गिरोह का हाथ

मानव तस्करी: मासूम को बेचने की थी तैयारी, अगवा करने में था अंतरराज्यीय गिरोह का हाथ

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-28 17:17 GMT
मानव तस्करी: मासूम को बेचने की थी तैयारी, अगवा करने में था अंतरराज्यीय गिरोह का हाथ

डिजिटल डेस्क,सतना। मैहर से 5 मार्च को लापता 7 साल की मासूम बालिका को अगवा करने में मानव तस्करी से जुड़े एक अंतरराज्यीय गिरोह का हाथ था। गिरोह के सदस्य मासूम को नागपुर में बेचने की तैयारी में थे। पुलिस ने 23 वर्षीय  अपहरणकर्ता राकेश तिवारी उर्फ लल्लू को क्राइम ब्रांच की मदद से नागपुर से गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली है। इस मामले में आरोपी अपहरणकर्ता की बुआ रानी तिवारी को रायपुर कर्चुलियान पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। एसपी रियाज इकबाल ने बताया कि इस गिरोह के तार मध्यप्रदेश के अलावा बिहार और नागपुर से भी जुड़े हुए हैं।
अपनों से यूं बिछड़ गई थी बच्ची-
पुलिस ने बताया कि रीवा जिले के मऊगंज थाना अंतर्गत मिसिरगवां से 5 मार्च को एक परिवार देवी दर्शन के लिए मैहर गया हुआ था। परिवार के सदस्य 2 अलग-अलग वाहनों में थे। देवी दर्शन के बाद महिलाएं बाजार में सामान खरीदने लगीं। इसी बीच 7 साल की बच्ची अपनों से बिछड़ गई। आरोप हैं कि बाजार क्षेत्र में पहले से ही सक्रिय गिरोह का शातिर सदस्य राकेश तिवारी उर्फ लल्लू पिता संतोष तिवारी (23) निवासी छिवला थाना बैंकुंठपुर (रीवा) बच्ची को बहला फुसला कर अपने साथ ले गया। उधर, लापता बच्ची की तमाम तलाश के बाद भी जब परिजनों को कामयाबी नहीं मिली तो घटना की सूचना मैहर पुलिस को दी गई। मैहर थाने में अज्ञात आरोपी के विरुद्ध आईपीसी के सेक्सन 363 के तहत अपराध (क्राइम नंबर 154/2019 ) दर्ज करते हुए जांच शुरु की। पुलिस के सीसीटीवी कंट्रेाल रुम की मदद से फुटेज चेक किए गए तो बालिका एक युवक के साथ दिखाई पड़ी। अपहरणकर्ता की गिरफ्तारी और बच्ची की सकुशल बरामदगी के लिए मैहर एसडीओपी हेमंत शर्मा के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया। मदद करने पर एसपी ने 10 हजार के नकद इनाम की घोषणा की मगर कामयाबी नहीं मिली। अंतत: जांच के लिए जबलपुर एसटीएफ से भी मदद ली गई।
2 हजार में खरीदी थी बच्ची-
पुलिस के हत्थे चढ़ी रानी ने बताया कि उसका भतीजा राकेश तिवारी उर्फ लल्लू इस बालिका को उसके पास सौंप गया था।  रानी की ही निशानदेही पर पता चला कि वो यादव नगर जय भीम चौक के पास नागपुर महाराष्ट्र में है। पुलिस ने नागपुर की क्राइम ब्रांच से संपर्क साधा और राकेश उर्फ लल्लू पुलिस के हत्थे चढ़ गया। लल्लू ने माना कि उसने अपनी बुआ रानी तिवारी के ही कहने पर बच्ची को अगवा किया था और इस एवज में उसे रानी ने 2 हजार रुपए दिए थे।
 वैश्यालय से रिश्ता-
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पूछताछ में राकेश उर्फ लल्लू ने माना कि रानी तिवारी भी ज्यादातर नागपुर में ही रहती थी। रानी अपने साथ बच्ची को लेकर नागपुर गई थी और वहीं उसने उसके बाल कटवा कर कपड़े भी बदल दिए थे। इसके बाद बच्ची के साथ वो वापस रायपुर कर्चुलियान लौट आई थी। राकेश ने बताया कि  उसका संबंध नागपुर में ही संचालित गंगा-जमुना  वैश्या गृह से है।  रानी नागपुर में ही रह कर पुरुषों के साथ अपहृत बच्चियों की शादी कराने का काला कारोबार करती थी। जल्दी ही छपरा से अपहृत 3 लड़कियां भी उसके पास आने वाली थीं।

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