बिहार चुनाव में कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा- इस बार सरप्राइज

बिहार चुनाव में कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा- इस बार सरप्राइज

Anita Peddulwar
Update: 2020-11-04 08:16 GMT
बिहार चुनाव में कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा- इस बार सरप्राइज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण का मतदान हो चुका है। प्रमुख दल व गठबंधन जीत के दावे कर रहे हैं। सत्ता के लिए नए राजनीतिक गठबंधनों के भी कयास लगने लगे हैं। ऐसे में बिहार चुनाव में कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने जोर देकर दावा किया है कि इस बार सत्ता परिवर्तन तय है। बकौल पांडे-बिहार सरप्राइज देगा, वहां का चुनाव परिणाम देश की राजनीति की दिशा बदलनेवाला साबित होगा। चुनाव प्रचार सहित विविध विषयों पर चर्चा करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में मतदान हुआ है। कांग्रेस पहले से अधिक मजबूत हुई है।  

युवा लाएंगे बदलाव
राजस्थान चुनाव में केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर युवाओं में जो विरोध का माहौल दिख रहा था, वैसा ही माहौल बिहार में दिख रहा है। राजस्थान में सत्ता बदली। बिहार में भी बदलेगी। बिहार में 62 प्रतिशत युवा हैं। युवाओं में सत्ता व राजनीतिक बदलाव के लिए भरपूर जोश देखा गया है। नितीश कुमार की राजनीतिक भूमिका से बिहार के युवाओं में रोष है। 2015 के चुनाव में भाजपा व मोदी के विरोध में बिहार के युवाओं ने मतदान किया था। सत्ता के लिए नितीश कुमार गठबंधन बदलकर भाजपा व मोदी के साथ चले गए। नितीशकुमार की कुर्सी की राजनीति को भी इस चुनाव में जनता का जवाब मिलेगा।

सामाजिक स्थिति का लाभ
बिहार की सामाजिक स्थिति का लाभ राजद-कांग्रेस गठबंधन को मिलेगा। वहां जाति की राजनीति से इनकार नहीं किया जा सकता है। वोट यूअर कास्ट का नारा लगता है। यादव व अल्पसंख्यक समाज पूरी ताकत के साथ भाजपा व जदयू गठबंधन के विरोध में रहा है। बिहार राजनीतिक तौर पर संवेदनशील है। अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में नागरिकों में राजनीति के प्रति रुचि अधिक है। वहां के लोग राजनीति में किसी पर विश्वास करते हैं तो गलत होने पर त्वरित प्रतिक्रिया भी देते हैं। नितीश कुमार ने जनता का भरोसा खोया है। सत्ता के लिए वे कठपुतली बने हैं। लाॅकडाउन के समय बिहार के श्रमिकों को घर लौटते समय वहां की सरकार से अछूत जैसा जो व्यवहार मिला, उसे वे नहीं भूले हैं। श्रमिकों को बिहार सीमा पर हफ्तों तक रोककर रखा। 

रणनीतिक नियोजन
राजद-कांग्रेस गठबंधन का रणनीतिक नियोजन भी अच्छा रहा है। कांग्रेस ने विधानसभा क्षेत्र के लिहाज से स्थिति का अध्ययन करके उम्मीदवार तय किए। कांग्रेस की उम्मीदवार चयन समिति का प्रमुख रहा हूं। मोहन  प्रकाश, शक्ति गोयल, रणजीत सुरजेवाला सहित अन्य नेताओं ने मिलकर  कांग्रेस की ओर से जीतनेवाले उम्मीदवार ही मैदान में उतारे। यह सही है कि पिछले कुछ वर्षों में बिहार की दलीय राजनीति में कांग्रेस मायनारिटी में रही है। लेकिन अब स्थिति बदल रही है। भाजपा ने बी टीम के तौर पर सहयोगी दलों के दो समूह बनाए। उसकी राजनीति का लाभ भी राजद कांग्रेस गठबंधन को मिलेगा। 

आगे क्या
केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध का साफ असर चुनाव परिणाम में दिखेगा। अगली राजनीतिक स्थिति को लेकर कोई भविष्यवाणी नहीं करूंगा। रणनीतिक निर्णय राजद कांग्रेस महागठबंधन लेगा। चुनाव परिणाम का इंतजार करना होगा। यह तय है कि 10 नवंबर के बाद बिहार की राजनीति बदली दिखेगी। 

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