अवैध होर्डिंग पर हाई कोर्ट सख्त, होर्डिंग में दिखने वाले नेताओं और पार्टियों को जारी करेगा नोटिस

अवैध होर्डिंग पर हाई कोर्ट सख्त, होर्डिंग में दिखने वाले नेताओं और पार्टियों को जारी करेगा नोटिस

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-23 19:06 GMT
अवैध होर्डिंग पर हाई कोर्ट सख्त, होर्डिंग में दिखने वाले नेताओं और पार्टियों को जारी करेगा नोटिस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राजनीतिक दलों द्वारा लगाए जाने वाले अवैध होर्डिंग को लेकर बांबे हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अदालत में लिखित रुप से आश्वासन दिया है कि वे न सिर्फ अवैध होर्डिंग पर प्रतिबंध लगाएंगे बल्कि कार्यकर्ताओं से भी ऐसी होर्डिंग न लगाने की अपील करेंगे। हाईकोर्ट ने कहा कि अब अवैध होर्डिंग को लेकर हम राजनीतिक दलों और होर्डिंग पर नजर आने वालों को नोटिस जारी करेंगे।

हाईकोर्ट ने कहा कि फिलहाल सबसे ज्यादा शिकायतें अवैध राजनीतिक होर्डिंग को लेकर आ रही हैं। हाईकोर्ट में अवैध होर्डिंग को लेकर सुस्वराज फाउंडेशन व अन्य लोगों की ओर से दायर जनहित याचिकाओ पर सुनवाई चल रही है। इससे पहले जस्टिस अभय ओक व जस्टिस एमएस सोनक की बेंच को अहमदनगर इलाके में बड़े पैमाने पर राजनीतिक अवैध होर्डिंग की जानकारी दी गई। मामले की न्यायमित्र के रुप में पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता उदय वारुंजकर ने कहा कि कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना व आरपीआई (ए) ने कोर्ट को लिखित आश्वासन दिया था कि वे अवैध होर्डिंग पर प्रतिबंध लगाएंगे और कार्यकर्ताओं से अपील करेंगे की वे ऐसी होर्डिंग न लगाए।

इस बात को जानने के बाद बेंच ने कहा कि अब हम अवैध होर्डिंग न लगाने की अंडरटेकिंग देनेवाले राजनीतिक दलों व होर्डिंग में नजर आनेवाली राजनीतिक शख्सियत को नोटिस जारी करेंगे। इसके बाद राजनीतिक दलों को अपनी अंडरटेकिंग के हिसाब से कार्रवाई करने को कहेंगे। इसी तरीके से अवैध राजनीतिक होर्डिंग पर लगाम लगाई जा सकेगी। इसके साथ ही हम यह भी देखेंगे कि राजनीतिक दलों ने अपनी अंडरटेकिंग के हिसाब से क्या कार्रवाई की है।

इस दौरान अहमदनगर महानगरपालिका के वकील ने कहा कि उन्हें इस विषय पर हलफनामा दायर करने के लिए वक्त दिया जाए। जबकि केद्रीय चुनाव आयोग के वकील ने भी हलफनामा दायर करने के लिए समय की मांग की। वहीं सरकारी वकील ने कहा कि सरकार को होर्डिंग से जुड़े मुद्दे के लिए नीति बनाने के लिए और समय की जरुरत है। मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने अधिवक्ता वारुंजेकर को कहा कि वे अगली सुनवाई के दौरान अलग-अलग स्थानीय निकायों को अवैध राजनीतिक होर्डिंग को लेकर मिली शिकायत की सूची कोर्ट में पेश करे। बेंच ने फिलहाल मामले की सुनवाई 29 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है।