Bungalow politics: बंगला खाली करने को लेकर गरमाई सियासत, कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों का क्यों नहीं छूट रहा बंगलों का मोह?

Bungalow politics: बंगला खाली करने को लेकर गरमाई सियासत, कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों का क्यों नहीं छूट रहा बंगलों का मोह?

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-19 19:10 GMT
Bungalow politics: बंगला खाली करने को लेकर गरमाई सियासत, कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों का क्यों नहीं छूट रहा बंगलों का मोह?

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में बंगला पॉलिटिक्स एक बार फिर चर्चा में है। इसकी वजह है कांग्रेस के पूर्व मंत्री बंगलों का मोह नहीं छोड़ पाना। सत्ता जाने के 6 महीने बाद भी ऐसे कई मंत्री हैं जिन्हें बंगला खाली करने के एक-दो नहीं बल्कि तीन-तीन बार नोटिस दिए जा चुके हैं। बावजूद इसके वो अभी वहीं डटे हुए हैं। ऐसे में अब बंगले को खाली कराने के लिए प्रशासन सख्त हो गया है।

हाल ही में संपदा विभाग की टीम पूर्व मंत्री विजय लक्ष्मी साधौ का चार इमली स्थित बंगला खाली कराने पहुंची थी। संपदा विभाग की ओर से पूर्व मंत्री को बंगला खाली करने का नोटिस तीन बार भेजा गया, बावजूद इसके उन्होंने बंगला खाली नहीं किया। आखिरकर संपदा विभाग को बंगला खाली कराने के लिए पुलिस बल भेजना पड़ा। अब साधो इसे एससीएसटी से जुड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है। वहीं बीजेपी ने साधो के बयान पर पलटवार किया है।

एक तरफ पूर्व मंत्रियों से बंगलों का मोह नहीं छूट रहा है वहीं दूसरी तरफ नये मंत्री इन बंगलों में शिफ्ट होने के लिए बेचैन हो रहे हैं। विजयलक्ष्मी साधौ के अलावा उनके ठीक बगल में मौजूद बंगला नंबर 10 एक और पूर्व मंत्री को आवंटित किया गया था। यह बंगला अब कृषि मंत्री कमल पटेल को आवंटित हो चुका है। लेकिन पूर्व मंत्री ने अभी तक इसे खाली नहीं किया है।

लिहाजा कमल पटेल अभी भी बंगले में शिफ्ट नहीं हो पाए हैं। इससे पहले प्रदेश में पूर्व मंत्री तरुण भनोट के बंगले को लेकर भी राजनीति गरमाई थी। बंगला खाली न करने पर संपदा विभाग और PWD विभाग के अधिकारियों ने उनका बंगला सील कर दिया था। ऐसे में बंगला खाली करने को लेकर जिस तरह की राजनीति हो रही है उससे तो यही लगता है कि ये विवाद अभी और लंबा खिंचेगा।

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