MP Politics: मप्र में 27 सीटों पर उपचुनाव, 22 अगस्त से BJP का सदस्यता अभियान, क्या कांग्रेस की यह गलती ले जाएगी उसे सत्ता से और दूर?

MP Politics: मप्र में 27 सीटों पर उपचुनाव, 22 अगस्त से BJP का सदस्यता अभियान, क्या कांग्रेस की यह गलती ले जाएगी उसे सत्ता से और दूर?

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-20 18:01 GMT
MP Politics: मप्र में 27 सीटों पर उपचुनाव, 22 अगस्त से BJP का सदस्यता अभियान, क्या कांग्रेस की यह गलती ले जाएगी उसे सत्ता से और दूर?

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश की 27 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की बिसात बिछाई जाने लगी है। वर्चुअल रैली के जरिए चुनावी बिगुल फूंकने के बाद भारतीय जनता पार्टी मैदान में उतरने की तैयारी कर चुकी है। 22 अगस्त से भारतीय जनता पार्टी सिंधिया के प्रभाव वाले ग्वालियर-चंबल संभाग में बड़ा सदस्यता अभियान शुरू करने जा रही है।

सदस्यता अभियान में सिंधिया के भाजपा में आने के बाद कांग्रेस छोड़कर आने वालों को भाजपा की सदस्यता दिलाने की योजना है। भाजपा का दावा है कि इस अभियान में हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा में शामिल होंगे। भाजपा एक ऐसा मनोवैज्ञानिक माहौल बनाने की हर संभव कोशिश करेगी कि कांग्रेस इस अंचल में काफी कमजोर हो गई है, ताकि उपचुनाव में भाजपा के पक्ष में एक लहर बनाई जा सके। सद्यता अभियान के दौरान 3 दिनों तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ग्वालियर-चंबल में रहेंगे। ग्वालियर के फूलबाग मैदान में जम्बो सभा करने की तैयारी चल रही है।

दूसरी ओर, कांग्रेस में अभी भी मंथन का दौर जारी है और पार्टी नेता साइलेंट मोड में नजर आ रहे हैं। कांग्रेस फिलहाल मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से ही शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की घेराबंदी कर रही है। सोशल मीडिया के जरिए कांग्रेस नेता उनके कार्यकाल में शुरू की गई योजनाओं के बंद करने के लिए शिवराज सरकार पर निशाना साध रहे हैं। वही कांग्रेस का फोकस वचनपत्र बनाने और सही उम्मीदवारों के चयन पर है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ 27 क्षेत्रों के लिए अलग-अलग वचन पत्र के आधार पर मतदाताओं का विश्‍वास हासिल करना चाहते हैं इसलिए वह स्थानीय मुद्दों के आधार पर जनता को विश्‍वास में लेकर विकास का रोडमैप बनाने में रुचि ले रहे हैं।

प्रदेश में उपचुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है ऐसी संभावना राजनीतिक हलकों में महसूस की जा रही है। सियासी समीकरणों की बात करें तो विधानसभा में कांग्रेस के पास अभी 89 विधायक है। बहुमत के लिए उसे 116 विधायकों की जरुरत होगी। ऐसे में अगर कांग्रेस को सत्ता में लौटना है तो 27 में से 27 सीटों पर जीत हासिल करनी होगी। जबकि बीजेपी के पास मौजूदा विधायक 107 है और सत्ता में बने रहने के लिए उसे केवल 9 सीटों पर जीत की आवश्यक्ता है। ऐसे में अब ये देखना दिलचस्प होगा कि आगामी उपचुनाव में सत्ताधारी पार्टी और विपक्ष की स्थिति क्या रहती है।

Tags:    

Similar News