कोरोना संक्रमण रोकथाम के लिए न्यायालयीन समय में परिवर्तन!

कोरोना संक्रमण रोकथाम के लिए न्यायालयीन समय में परिवर्तन!

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-04-16 09:16 GMT
कोरोना संक्रमण रोकथाम के लिए न्यायालयीन समय में परिवर्तन!

डिजिटल डेस्क | पन्ना जिले में कोरोना संक्रमण तीव्रगति से विस्तारित हो रहा है। न्यायालय से संबंधित अधिकारी, कर्मचारी, अधिवक्ता, एडीपीओ, जीपी, एजीपी, जेल में निरूद्ध अभियुक्त की कोरोना संक्रमित संख्या में बढोत्तरी हो रही है। कई अन्य कर्मचारी भी अस्वस्थ है। इन परिस्थितियों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश जबलपुर द्वारा जारी दिशानिर्देशों के पालन में पन्ना जिला न्यायालय स्थापना के न्यायालयों की कार्यवाहियों को नियंत्रित किया जाना आवश्यक हो जाने के कारण कोरोना संक्रमण की गंभीर स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री प्रेमनारायण सिंह द्वारा कोरोना संक्रमण को रोके जाने की दृष्टि से न्यायालयीन कार्यवाही के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।

यह दिशानिर्देश 16 अप्रैल से 30 अप्रैल अथवा अग्रिम आदेश तक लागू रहेंगे। जारी दिशानिर्देशानुसार जिला न्यायाधीश एवं अपर जिला न्यायाधीश के न्यायालय के कार्य के समय प्रातः 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक किया गया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं समस्त न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी व प्रशिक्षु न्यायाधीश के न्यायालयों का समय दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक निर्धारित किया गया है। इस अवधि में विचाराधीन बंदियों से संबंधित प्रकरण, 3 वर्ष या उससे अधिक पुराने प्रकरण, ऐसे समस्त प्रकरण जिनमें माननीय उच्चतम न्यायालय/उच्च न्यायालय द्वारा नियत समय अवधि में निराकृत किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

अपील एवं पुनरीक्षण (सिविल एवं अपराधिक) मोटर व्हीकल एक्ट के अन्तर्गत जमा राशि के भुगतान संबंधी प्रकरण, सिविल अपराधिक एवं क्लेम प्रकरण जिनमें अंतिम तर्क सुनकर प्रकरण का निराकरण किया जा सके।

भरण-पोषण से संबंधित अर्जेण्ट प्रकृति के प्रकरण। जमानत, सुपुर्दगी नामा, धारा 164 के कथन, रिमार्ड, अंतिम प्रतिवेदन, परिवाद, अस्थाई निषेधाज्ञा पत्र एवं अन्य आवश्यक प्रकृति के सिविल एवं आपराधिक प्रकरण जो न्यायालय के मत में त्वरित सुनवाई योग्य हो।

वह प्रकरण जिनमें राजीनामा पेश किया गया है।

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