दिव्यांगों के अनुदान में बढ़ोतरी, महिला बचत गटों को बिक्री के लिए मिलेगा स्थान : फडणवीस

दिव्यांगों के अनुदान में बढ़ोतरी, महिला बचत गटों को बिक्री के लिए मिलेगा स्थान : फडणवीस

Tejinder Singh
Update: 2018-10-21 14:07 GMT
दिव्यांगों के अनुदान में बढ़ोतरी, महिला बचत गटों को बिक्री के लिए मिलेगा स्थान : फडणवीस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महिला बचत गटों द्वारा उत्पादित माल की बिक्री के लिए बचत गटों को जिला स्तर पर स्वतंत्र जगह उपलब्ध कराने की घोषणा की। साथ ही महिला बचत गटों को प्रबंधन के संदर्भ में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। फडणवीस ने दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के परिसर में ग्राम विकास व पंचायत राज विभाग की आेर से आयोजित महालक्ष्मी सरस प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए कहा कि राज्य में महिला बचत गटों के मूवमेंट से 38 लाख परिवार जुड़े हैं आैर इससे एक बड़ी व्यावसायिक श्रृंखला निर्माण हुई है। 50 फीसदी महिला शक्ति का देश की उत्पादन क्षमता में बड़ा योगदान है आैर इनके योगदान के बगैर देश आगे बढ़ नहीं सकता।

अर्थव्यवस्था को गति देने की क्षमता इनमें है। 5 लाख परिवारों की रोजीरोटी चलानेवाली महिला बचत गटों की उत्पादन क्षमता 500 करोड़ तक है। सरकार की तरफ से महिलाआें के लिए विविध योजनाएं चलाई जाती है आैर अब तक 42 हजार करोड़ की आर्थिक सहायता दी गई है। उन्होंने बचत गटों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि महिलाएं कर्ज डुबाती नहीं है। समय के पहले ही कर्ज का भुगतान कर देती है। 27 हजार युवक-युवतियों को प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें से 14 हजार युवक-युवतियों को रोजगार मिला है। 1 करोड़ 25 हजार युवक-युवतियों को स्वयंरोजगार का प्रशिक्षण दिया गया है। 

पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि महिलाआें को रोजगार उपलब्ध कराना सरकार का उद्देश्य है। नागपुर में हरित क्रांति क्षेत्र विकास के लिए महिला बचत गट की 1000 महिलाआें को काम दिया गया है। स्वयंसहायता समूह के बचत गटों का मुख्यमंत्री व पालकमंत्री के हाथों सत्कार किया गया। प्रास्ताविक जिवनोन्नति अभियान की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अार. विमला ने किया। मंच पर मुख्य रूप से जिला परिषद अध्यक्ष निशा सावरकर, सांसद डा. विकास महात्मे, विधायक सर्वश्री सुधाकर देशमुख, गिरीश व्यास, प्रा. जोगेंद्र कवाडे, मल्लिकार्जुन रेड्डी, पूर्व विधायक आशीष जायस्वाल, ग्राम विकास सचिव असीम गुप्ता, विभागीय आयुक्त अश्विन मुदगल, जिला परिषद सीईआे संजय यादव उपस्थित थे।   

दिव्यांगों के अनुदान में बढोतरी
सरकार ने संजय गांधी निराधार योजना के तहत अनुदान प्राप्त कर रहे दिव्यांगों के अनुदान में वृध्दि करने का निर्णय लिया है। जिले में करीब 10 हजार दिव्यांग है, जिन्हें अनुदान मिल रहा है। 79 फीसदी तक विकलांग काो 800 रुपए व 100 फीसदी तक दिव्यांग को 1000 रुपए प्रति माह अनुदान मिलेगा। इसके लिए दिव्यांगों को नए सिरे से प्रमाणपत्र पेश करने होंगे। इस पर कभी भी अमल हो सकता है। जिले में संजय गांधी निराधार योजना के तहत अनुदान प्राप्त कर रहे लाभार्थियों की 2 लाख 5 हजार से ज्यादा है। जिन विधवाआें को संतान हैं, उन्हें 900 रुपए व बाकी लाभार्थियों को 600 रुपए प्रति माह अनुदान मिलता है। सरकार ने दिव्यांग लाभार्थियों के अनुदान में बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है। 40 फीसदी से 79 फीसदी तक दिव्यांग को 800 रुपए व 80 से 100 फीसदी तक दिव्यांग को 1000 रुपए अनुदान दिया जाएगा। दिव्यांग को बढ़ा हुआ अनुदान देने के पूर्व उससे नए सिरे से दिव्यांग प्रमाणपत्र मांगा जाएगा।

दिव्यांग को जिला शल्य चिकित्सक कार्यालय की आेर से दिव्यांग प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। इस प्रमाणपत्र को तय समय पर रिन्यूव करना पड़ता है। नया दिव्यांग प्रमाणपत्र जल्द से जल्द जिला प्रशासन के पास जमा करना होगा। प्रमाणपत्रों की जांच के बाद दिव्यांगों के बैंक खाते में बढ़ा हुआ अनुदान कभी भी पहुंच सकता है। दिव्यांग को छोड़ बाकी बचे 1 लाख 95 हजार लाभार्थियों के अनुदान में फिलहाल कोई वृध्दि नहीं हुई है। राज्य सरकार ने इनके अनुदान में वृध्दि के संबंध में जिला प्रशासन से राय मांगी थी। जिला प्रशासन ने 1000 रुपए प्रति माह अनुदान करने की राय दी थी। सरकार इन लाभार्थियों के अनुदान में वृध्दि पर विचार कर रही है। यह कब तक होगा, यह अभी कहा नहीं जा सकता। जिला प्रशासन ने सभी लाभार्थियों को बैंक में अपने जिंदा होने के संबंध में प्रमाणपत्र पेश करने को कहा है। 31 मार्च 2019 के पहले यह करना जरूरी है। ऐसा नहीं करनेवालों का अनुदान रोका जाएगा।