कांग्रेस का सवाल- ज्यादा बारिश और जलयुक्त शिवार के बावजूद कैसे कम हुआ जल स्तर?

कांग्रेस का सवाल- ज्यादा बारिश और जलयुक्त शिवार के बावजूद कैसे कम हुआ जल स्तर?

Tejinder Singh
Update: 2018-10-26 12:59 GMT
कांग्रेस का सवाल- ज्यादा बारिश और जलयुक्त शिवार के बावजूद कैसे कम हुआ जल स्तर?

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जलयुक्त शिवार अभियान को एक बड़ा घोटाला बताते हुए प्रदेश कांग्रेस ने इसकी न्यायिक जांच की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि सरकारी एजेंसी के आकड़े ही सरकार की पोल खोल रहे हैं। 7891 करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद भूगर्भ जलस्तर पहले की अपेक्षा कम हो गया जबकि इस साल पहले की अपेक्षा ज्यादा बारिश हुई थी। शुक्रवार को विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखेपाटील के सरकारी आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सावंत ने भूजल सर्वेक्षण व विकास प्राधिकरण ( जीएसडीए) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 2014-15 की तुलना में 2018 मंर अधिक बारिश हुई थी।

अब तक सरकार के दावे के अनुसार जलयुक्त शिवार अभियान के तहत 7 हजार 889 करोड़ रुपए खर्च कर पांच लाख काम भी पूरे किए जा चुके थे। इसके बावजूद जलस्तर बढ़ने की बजाय घट गया। जबकि जलयुक्त शिवार को लेकर जलसंसाधन विभाग द्वारा 5 दिसंबर 2014 को जारी शासनादेश के मुताबिक इस अभियान से भूगर्भ जलस्तर में बढोतरी की बात कही गई थी। उन्होंने कहा कि 2014 में राज्य में जून से अक्टूबर के दौरान 70.02 फीसदी बारिश हुई थी। इस दौरान 194 तहसिलों और 5976 गांवों में जलस्तर 1 मीटर नीचे गया था। जबकि 2018 में 74.3 फीसदी बारिश होने और जलयुक्त शिवार योजना के बावजूद 252 तहसिलों और 13984 गांवों में जलस्तर एक मीटर नीचे चला गया। 

सावंत ने आरोप लगाया कि भाजपा विधायकों व सांसदों के रिश्तेदारों को ठेके दिए गए। जिसकी वजह से सही ढंग स काम नहीं हुए। सावंत ने कहा कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिर्डी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा था कि जलयुक्त शिवार की वजह से महाराष्ट्र के 16 हजार गांव सूखामुक्त हो गए। सांवत ने कहा कि प्रधानमंत्री को राज्य सरकार की तरफ से गलत जानकारी दी गई। यदि राज्य सरकार का दावा सही है तो उऩ 16 हजार गांवों की सूची जारी करें जलयुक्त शिवार योजना के चलते सूखा मुक्त हुए हैं।