कोरोना टेस्ट : निर्धारित अवधि में लक्ष्य पाना असंभव, उठ रहे विरोध के सुर

कोरोना टेस्ट : निर्धारित अवधि में लक्ष्य पाना असंभव, उठ रहे विरोध के सुर

Anita Peddulwar
Update: 2020-08-14 07:00 GMT
कोरोना टेस्ट : निर्धारित अवधि में लक्ष्य पाना असंभव, उठ रहे विरोध के सुर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में दिन प्रतिदिन बढ़ रहे संक्रमण काे रोकने के लिए 18 अगस्त तक शहर के सभी व्यापारियों और कर्मचारियोंं को कोविड-19 टेस्ट कराना अनिवार्य कर दिया है। मनपा आयुक्त के इस फरमान को कुछ व्यापारी तुगलकी बताते हुए विरोध कर रहे हैं जबकि जो व्यापारी यह जांच नहीं कराएगा, आदेशानुसार  उसे व्यापार करने नहीं दिया जाएगा।  

जल्दी के चक्कर मे लंबी कतारों से संक्रमण का खतरा बढ़ेगा। 
हैरत की बात... आदेश निकालने के पहले अधिकारियों ने इस पर तनिक भी नहीं सोचा कि व्यापारियों के लिए अलग से जांच केंद्र की व्यवस्था भी नहीं, तो लक्ष्य पूरा किस तरह करेंगे।

मांगेंगे अतिरिक्त समय
प्रशासन ने 18 अगस्त तक जांच कराने का समय दिया है। यदि तब तक जांच नहीं होती है तो प्रशासन से जांच के लिए अतिरिक्त समय की मांग की जाएगी।  -अश्विन मेहाड़िया, अध्यक्ष, नाग विदर्भ चेंबर ऑफ कामर्स

तुगलकी फरमान
फरमान तुगलकी है। बढ़ते कोविड के प्रभाव के लिए व्यापारियों को जिम्मेदार मानना गलत है। एक बार निगेटिव आने वाला भविष्य में पॉजिटिव नहीं होगा, इसकी गारंटी कौन लेगा। लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाने वालों को छोड़ मनपा व्यापारी को परेशान करने का काम कर रही है। महीने में केवल 11 दिन दुकान शुरू रहने से व्यापारी पहले ही परेशानी में हैं। - श्रीकांत ढोलके. अध्यक्ष, शहर कांग्रेस कमेटी व्यापारी सेल

हास्यास्पद प्रस्ताव
सभी व्यापारियों तथा उनके कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से कोविड टेस्ट करने का प्रस्ताव हास्यास्पद है। नागपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स इसका पूर्ण विरोध करता है। उन्होंने सवाल किया कि ग्राहक या व्यापारी से मिलने वाला या उनके घरवाले कोविड फ्री का सर्टिफिकेट लाएंगे? मनपा के फरमान से पूरे शहर में अव्यवस्था का आलम  हो जाएगा।  - सी कैलाश जोगानी, पूर्व अध्यक्ष, नागपुर चेंबर ऑफ कामर्स लिमिटेड, नागपुर

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