मध्य भारत के लिए अहम होंगे दिल्ली-नागपुर और हैदराबाद-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर

डेवलपमेंट मध्य भारत के लिए अहम होंगे दिल्ली-नागपुर और हैदराबाद-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर

Anita Peddulwar
Update: 2022-07-11 08:51 GMT
मध्य भारत के लिए अहम होंगे दिल्ली-नागपुर और हैदराबाद-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर

डिजिटल डेस्क, नागपुर । नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत देश में 11 नेशनल कॉरिडोर प्रस्तावित हैं, जिसमें से दो कॉरिडोर नागपुर से जुड़ेंगे। इनमें से एक दिल्ली-नागपुर कॉरिडोर मध्य भारत के लिए अहम माना जा रहा है। 1100 किमी लंबा यह कॉरिडोर दिल्ली से मथुरा, ग्वालियर, झांसी, ललितपुर, बीना, गंजबासौदा, विदिशा, भोपाल, नर्मदापुरम, इटारसी, बैतूल, मुलताई, पांढुरना से होकर काटोल होते हुए नागपुर तक तैयार होगा। दूसरा हैदराबाद-नागपुर कॉरिडोर है, जिसे मंजूरी मिल गई है। इन दोनों कॉरिडोर से जुड़ने पर नागपुर सहित विदर्भ में औद्योगिक क्षेत्रों का तेजी से विकास होगा। ईंधन बचत के साथ देश मेंे कम समय में माल पहुंचाया जा सकेगा।

वर्ष 2025 तक पूरा होगा : स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत इन दोनों औद्योगिक कॉरिडोर को मध्य व दक्षिण भाग के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इनका काम 2025 तक पूरा होना है। इसके लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा 2000 करोड़ रुपए का कर्ज मंजूर किया गया है। केंद्र सरकार अलग-अलग इंडस्ट्रियल क्षेत्रों को जोड़ने के लिए सड़क, रेल और जलमार्ग के जरिए यह कॉरिडाेर तैयार कर रही है, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक विकास और रोजगार क्षमता में उन्नति का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा। योजना का मुख्य उद्देश्य विनिर्माण, कृषि-प्रसंस्करण, सेवाओं और निर्यात-उन्मुख इकाइयों में निवेश को प्रोत्साहित करना और उच्च मानक बुनियादी ढांचा तैयार कर आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के प्लान का काम शुरू कर दिया गया है।

नागपुर को लाभ : दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का 70 फीसदी हिस्सा मप्र से निकलेगा, जिससे मध्यप्रदेश में कई औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा सकेंगे। इस कॉरिडोर का लाभ संतरानगरी सहित समूचे महाराष्ट्र को मिलने की संभावना है। इससे नागपुर में औद्योगिक गतिविधियों का विस्तार होगा, मिहान को नया आयाम मिलेगा। यहां से मध्य व उत्तरी क्षेत्र में आयात-निर्यात में वृद्धि होगी। नए-नए उद्योग विकसित होंगे। दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के रूट में कुछ बदलाव किया गया है। अब यह सागर से नरसिंहपुर-सिवनी होते हुए नागपुर तक नहीं होगा। मप्र सरकार ने इसके रूट में बदलाव का अनुरोध किया था, जिसके बाद यह कॉरिडोर सागर के आगे बीना, विदिशा, भोपाल, रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम से बैतूल वाया काटोल, नागपुर तक बनाया जाएगा।

राष्ट्रीय महामार्ग क्र. 44 तक फैला है भारत सरकार द्वारा हैदराबाद-नागपुर कॉरिडोर को मंजूरी दे दी गई है। यह कॉरिडोर राष्ट्रीय नेटवर्क में लगभग 475 किमी की कुल लंबाई को कवर करेगा। हैदराबाद-नागपुर औद्योगिक कॉरिडाेर हैदराबाद और नागपुर के बीच राष्ट्रीय महामार्ग क्र. 44 तक फैला हुआ है। यह तेलंगाना के भीतर 290 किमी लंबा है और आदिलाबाद जिले में हैदराबाद और तेलंगाना की उत्तरी सीमा के बीच तैयार किया जाना है।

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