सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का निराकरण एक सप्ताह में करें-कलेक्टर टीएल बैठक में विभागों में लंबित प्रकरणों की समीक्षा!

सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का निराकरण एक सप्ताह में करें-कलेक्टर टीएल बैठक में विभागों में लंबित प्रकरणों की समीक्षा!

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-04-12 09:40 GMT
सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का निराकरण एक सप्ताह में करें-कलेक्टर टीएल बैठक में विभागों में लंबित प्रकरणों की समीक्षा!

डिजिटल डेस्क | श्योपुर कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सीएम हेल्पलाइन के अंतर्गत विभिन्न विभागों में लंबित लेबल 01 से लेकर 04 तक के प्रकरणों की समीक्षा बैठक आज कलेक्टर कार्यालय श्योपुर के सभागार में आयोजित की गई। इस बैठक में विभागवार सीएम हेल्पलाइन में दर्ज प्रकरणों को ऑनलाइन खोलकर उनके निराकरण की स्थिति देखी। साथ ही संबंधित विभागीय अधिकारियो को लंबित प्रकरणों का निराकरण एक सप्ताह मे करने के निर्देश दिये।

बैठक में अपर कलेक्टर श्री रूपेश उपाध्याय, डिप्टी कलेक्टर श्री विजेन्द्र सिंह यादव, एसडीएम श्री पवार नवजीवन विजय, एसीईओ जिला पंचायत श्री सुधीर खाडेकर, ईई पीएचई श्री संतोष श्रीवास्तव, डीपीओ महिला बाल विकास श्री ओपी पाण्डेय, जिला आबकारी अधिकारी श्री राकेश शर्मा, डीआईओ श्री कपिल पाटीदार, मैनेजर लोक सेवा प्रबंधन श्री योगेश पुरोहित, सहायक संचालक ओबीसी कु. निकिता तामरे, तहसीलदार श्री राघवेन्द्र कुशवाह, सीएमओ नपा सुश्री मिनी अग्रवाल, नायब तहसीलदार सुश्री रजनी बघेल एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सीएम हेल्पलाइन के अंतर्गत लेबल 01 से लेकर के 04 तक के आवेदन जिन-जिन विभागो में लंबित है। उनका निराकरण समय सीमा निर्धारित कर किया जावे। उन्होने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में राजस्व की 382, नगरीय निकायों की 356, खाद्य आपूर्ति की 232, जिला अस्पताल की 128, पंचायतीराज की 219, लोक स्वास्थ्य की 100, संस्थागत वित्त की 171, लोक शिक्षण की 63, पुलिस की 49, मप्र अंसगठित कर्मकार मंडल की 40, लीड बैंक की 75, राज्य शिक्षा केन्द्र की 13, सीमांकन की 20, आदिम जाति कल्याण की 24, सामाजिक न्याय की 30, पीएचई की 136, उर्जा की 121 एवं अन्य विभागो में भी एक से अधिक शिकायतें लंबित है।

कलेक्टर ने कहा कि इन सभी शिकायतों में संतुष्टिपूर्वक जबाव फीड किया जावे। साथ ही एक सप्ताह में निराकरण होना चाहिए। उन्होने कहा कि प्राकृतिक प्रकोप के प्रकरण जिन-जिन तहसीलों में लंबित है। उनका निराकरण शीघ्र किया जावे। उन्होने कहा कि विभागीय अधिकारी शिकायतों को प्राथमिकता दें। कलेक्टर ने विभागवार शिकायतें प्रजेंटेंशन के माध्यम से खुलवाकर उनमें फीड किये गये जबाव देखे। साथ ही अभियान चलाकर सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों का निराकरने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये।

अपर कलेक्टर श्री रूपेश उपाध्याय ने कहा कि नोबल कोरोना वायरस कोविड-19 के अंतर्गत जिले में कई स्थानों पर कार्यक्रम किये जा रहे है। जिनकी संख्या के मान से 100 से उपर की अनुमति क्षेत्रीय एसडीएम द्वारा प्रदान की जावे। अगर बिना अनुमति के कार्यक्रम हो रहे है। तब उन पर आवश्यक कार्यवाही की जावे। डिप्टी कलेक्टर श्री विजेन्द्र सिंह यादव ने बैठक में कहा कि सीएम हेल्पलाइन के अंतर्गत विभागो में शिकायतें बढती जा रही है। इसलिए ध्यानपूर्वक अभियान चलाकर इन शिकायतों का विभागीय अधिकारी एक सप्ताह में निराकरण करें।

शिकायतों के निराकरण में पेयजल से संबंधित आवेदन शीघ्र निराकृत किये जावे। उन्होने कहा कि फील्ड में जेएसओ अपने-अपने क्षेत्र के उपार्जन केन्द्रो का भ्रमण करें। साथ ही राजस्व अधिकारी मनरेगा के अंतर्गत फील्ड में चल रहें कार्यो का सत्यापन करें। जिससें मजदूरों को नियमित रूप से काम मिलता रहें। उपार्जन केन्द्रो की व्यवस्था को प्रभावी बनावे कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव ने टीएल बैठक में कहा कि जिले में स्थापित सभी उपार्जन केन्द्रो की व्यवस्था को प्रभावी बनाया जावे। इस दिशा में जिन-जिन अधिकारियों को जिम्मेदारी सौपी है।

उनका निर्वहन करते हुए उपार्जन केन्द्रो पर किसानों से क्रय की जा रही सरसों, चना, गेहूं की खरीदी निर्धारित दिनों में नियमित रूप से कराई जावे। उन्होनेे कहा कि एसएमएस प्राप्त किसानों से उपार्जन केन्द्रो पर रबी फसल खरीदी जावे। इसी प्रकार विभागीय अधिकारी समर्थन मूल्य के केन्द्रो पर किसानों को समझाइश दे कि एसएमएस आने पर ही अपना ट्रेक्टर खरीद केन्द्र पर लाये। जिससे अनावश्यक टैªक्टरों को लाईन में खडे नही होने से व्यवस्था बनी रहेगी। लोक सेवा गारंटी अंतगत समय सीमा के प्रकरणों का निराकरण कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव ने बैठक में कहा कि लोक सेवा गांरटी अंतर्गत समय सीमा के प्रकरणों के आवेदन तीन दिवस में निराकृत किये जावे।

उन्होने कहा कि अन्य पोर्टल के पदाभिहित अधिकारी अपनी-अपनी शिकायतों का निराकरण नियमित रूप सें करे। जिससे अधिकारी पैनल्टी से बचेगा। साथ ही शिकायत का समय पर निराकरण होने से संबंधितों को लाभ पहुंचेगा।

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