महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के खिलाफ आगे की कार्रवाई करे जिला प्रशासन

महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के खिलाफ आगे की कार्रवाई करे जिला प्रशासन

Anita Peddulwar
Update: 2021-02-12 09:28 GMT
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक को राहत देने से इनकार करते हुए जिलाधिकारी को अपनी कार्रवाई आगे बढ़ाने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस प्रकरण में अपना फैसला दे दिया है, जिसके कारण अब हाईकोर्ट मामले में दखल नहीं देगा। 

यह है प्रकरण
भंडारा स्थित वैनगंगा सहकारी शक्कर कारखाने पर कर्ज होने के कारण महाराष्ट्र राज्य सहकारी ने कारखाने की जब्ती की कार्रवाई की। वर्ष 2010 में निलामी की गई, जिसमें 14 करोड़ रुपए बैंक को प्राप्त हुए। इधर, कारखाने के कर्मचारियों ने अपने बकाया वेतन, पीएफ व अन्य लाभ प्राप्ति के लिए भंडारा के औद्योगिक न्यायालय में मुकदमा दायर किया। औद्योगिक न्यायालय ने बैंक को आदेश दिए कि वे 13 करोड़ 89 लाख 84 हजार 334 रुपए अदा करे। इस आदेश के खिलाफ बैंक ने पहले हाईकोर्ट और फिर यहां से राहत न मिलने पर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की। दिसंबर 2019 में सर्वोच्च न्यायालय ने कर्मचारियों के पक्ष में फैसला देकर बैंक को रकम अदा करने के आदेश दिए, लेकिन बैंक ने अब तक रकम अदा नहीं किए। 

अदालत से लगाई गुहार
 बैंक नागपुर में है, ऐसे में भंडारा जिलाधिकारी ने यह मामला नागपुर जिलाधिकारी को भेजा। ऐसे में बैंक की संपत्ति जब्त करने के लिए नायाब तहसीलदार नागपुर ने 8 जनवरी को बैंक को नोटिस जारी करके  रकम भरने या फिर जब्ती की कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा। इसके खिलाफ बैंक ने हाईकोर्ट की शरण ली। दलील दी कि उनकी पुनर्विचार याचिका सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है, तब तक जिला प्रशासन की इस कार्रवाई को रोका जाए। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को बैंक के सांकेतिक कब्जा लेने के आदेश दिए थेे।  हाईकोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया। बैंक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एस.के.मिश्रा व एड.अपूर्व डे ने पक्ष रखा।


 

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