डॉक्टर ऑपरेशन के लिए देर रहे थे तारीख-पर-तारीख, तो परिजनों ने अपनाया यह रास्ता
डॉक्टर ऑपरेशन के लिए देर रहे थे तारीख-पर-तारीख, तो परिजनों ने अपनाया यह रास्ता
डिजिटल डेस्क,शहडोल। डॉक्टर एक मरीज के ऑपरेशन के लिए लगातार तारीख-पर तारीख दे रहे थे, जिसके कारण मरीज की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी, जिसको देखते हुए पजिरनों ने ऐसा रास्ता अपनाया कि अस्पताल प्रबंधन सहित पुलिस प्रशासन के कान खड़े हो गए। परिजनों ने मरीज को लेकर सड़क पर जाम कर दिया, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने शीघ्र ऑपरेशन करने का आश्वासन दिया है।
उल्लेखनीय है कि शासकीय जिला चिकित्सालय की अव्यवस्था थमने का नाम नहीं ले रही है। मरीजों को भर्ती तो कर लिया जाता है, लेकिन उपचार के लिए विलंब किया जाता है। इसी प्रकार का मामला शनिवार को फिर सामने आया, जिसमें अव्यवस्था से त्रस्त परिजनों ने मरीज को लेकर मेन रोड पर जाम लगा दिया। तहसीलदार व पुलिस के हस्तक्षेेप के बाद मामला सुलझा। दरअसल मामला ये था कि जैतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम कुड़ेली निवासी राजकुमार मिश्रा को पांच दिन पहले भर्ती कराया गया था। परिजनों के अनुसार सोनोग्राफी रिपोर्ट में राजकुमार की आंत में संक्रमण बताया गया। तत्काल ऑपरेशन कराया जाना आवश्यक है। यह जानकर मरीज के परिजनों ने जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को दिखाया। मरीज की हालत देखते हुए उन्होंने आवश्यक उपचार की दवाएं लिखकर उसे सर्जिकल वार्ड में भर्ती कर दिया। उसके बाद आज तक किसी डॉक्टर ने उसका ऑपरेशन नहीं किया।
आधे घंटे तक सड़क पर होता रहा हंगामा-
जानकारी के अनुसार डॉ. कुलदीप पटेल को ऑपरेशन करना था। परिजनों का आरोप है कि वे दो दिनों से मरीज का ऑपरेशन करने का आश्वासन भर देते रहे। समय पर ऑपरेशन नहीं करने से मरीज को तकलीफ बढ़ती जा रही थी। जिस पर भड़के परिजनों ने मरीज को सड़क में लिटाकर हंगामा शुरू कर दिया। परिजन भी सड़क पर लेट गए। करीब आधे घंटे तक सड़क पर हंगामा होता रहा। इसके बाद सोहागपुर तहसीलदार बीके मिश्रा, कोतवाली थाना प्रभारी रावेंद्र द्विवेदी, एएसआई रजनीश तिवारी और रामराज पांडेय पहुंचे, जिन्होंने समझाईश देकर परिजनों को शांत कराया। इस बीच सिविल सर्जन भी पहुंच गए, जिन्होंने व्यवस्था का जायजा लेते हुए मरीज के परिजनों को उचित इलाज का भरोसा दिलाया।
मिलता रहा केवल आश्वासन-
परिजनों के अनुसार ऑपरेशन के लिए केवल डेट भर मिल रही थी। आक्रोश इसको लेकर था कि भर्ती करने के बाद अस्पताल में जब मरीज को कोई देखने सुनने वाला ही नहीं है तो बेहतर है कि मरीज के साथ हम सब यही सड़क पर दम तोड़ दें। आरोप है कि जिला अस्पताल में यदि कोई एक डॉक्टर ऑपरेशन करने के लिए तैयार भी होता है तो मरीज को बेहोशी की दवा देने वाला कोई नहीं रहता। लिहाजा उपचार आजकल पर टलता रहा और मरीज की हालत गंभीर होती गई। राजकुमार पिछले 5 दिनों से कुछ भी नहीं खा पी रहा है।
लापरवाही का मामला पहला नहीं-
जिला चिकित्सालय में यह कोई पहला मामला नहीं है जिसमें प्रबंधन व डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई हो। बल्कि आए दिन इस तरह की स्थिति निर्मित होती रहती है। इसके कुछ दिन पहले ही लापरवाही के चलते एक नवजात की मौत हो गई। इसमें भी ऑपरेशन समय पर नहीं होने के आरोप लगे। एक महीने पहले प्रसूता व बच्चेे की मौत के बाद हंगामे की स्थिति बनी थी।
इनका कहना है-
लापरवाही जैसी कोई बात नहीं है। ऑपरेशन के पहले मरीज की हालत देखी जाती है। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ है। परीक्षण के बाद निर्देश दिए हैं कि आज या कल ऑपरेशन हो जाएगा।
डॉ. उमेश नामदेव
सीएस जिला चिकित्सालय