राज्य संग्रहालय में दुर्लभ प्राचीन सिक्कों की प्रदर्शनी 16 सितंबर से!

राज्य संग्रहालय राज्य संग्रहालय में दुर्लभ प्राचीन सिक्कों की प्रदर्शनी 16 सितंबर से!

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-09-16 08:11 GMT
राज्य संग्रहालय में दुर्लभ प्राचीन सिक्कों की प्रदर्शनी 16 सितंबर से!

डिजिटल डेस्क | देवास राज्य संग्रहालय में 16 से 22 सितम्बर 2021 तक भारत के प्राचीन दुर्लभ सिक्कों की प्रदर्शनी "सिक्कों की विरासत" का आयोजन किया जा रहा है। संचालनालय पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय के तत्वावधान में डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर पुरातत्व शोध संस्थान द्वारा यह प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है। इन दुर्लभ सिक्कों का संग्रह अश्विनी शोध संस्थान, महिदपुर, जिला उज्जैन में डॉ. आर.सी. ठाकुर द्वारा किया गया है। प्रदर्शनी का शुभारंभ 16 सितम्बर 2021 को दोपहर 3 बजे आयुक्त, पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय श्रीमती शिल्पा गुप्ता द्वारा किया जायेगा। प्रदर्शनी में दर्शकों का प्रवेश सुबह 11 बजे से सायं 5 बजे तक निःशुल्क रहेगा।

सम्पूर्ण देश में अलग-अलग विषयों को लेकर अश्विनी शोध संस्थान द्वारा प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। वर्तमान में यह संस्थान विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन से संबद्ध हो चुका है। प्रत्येक वर्ष कालीदास समारोह, उज्जैन में प्राचीन सिक्कों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। उल्लेखनीय है कि भारत के सांस्कृतिक इतिहास में मुद्रा (सिक्के) का विशेष स्थान है। प्रारंभ में आमजन गाय को मुद्रा के रूप में मानते हुये अपनी आवश्यकताओं पूर्ति करते थे। लेकिन मुद्रा की इकाई के विभाजन में कठिनाई के कारण धातुओं के टुकड़े मुद्रा के रूप में चलाये गये, जिन्हें साहित्य में निष्क और कर्पाषण नाम से जाना जाता है। ई. पूर्व 800 के लगभग सिक्कों का चलन प्रारंभ हुआ, जो मुद्रा के व्यवस्थित इतिहास का द्योतक हैं। तांबा, चांदी, सोना, जस्ता, शीशा आदि धातुओं के सिक्के चलाये गये। दुर्लभ सिक्कों की यह प्रदर्शनी विद्यार्थी, पुरातत्व के जिज्ञासु और आमजन के लिए उपयोगी और ज्ञानवर्धक रहेगी।

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