मानव तस्करी का शिकार पीड़िताें के लिए मुंबई में बना पहला विक्टिम फ्रेंडली कोर्ट

मानव तस्करी का शिकार पीड़िताें के लिए मुंबई में बना पहला विक्टिम फ्रेंडली कोर्ट

Anita Peddulwar
Update: 2018-11-24 13:28 GMT
मानव तस्करी का शिकार पीड़िताें के लिए मुंबई में बना पहला विक्टिम फ्रेंडली कोर्ट

डिजिटल डेस्क,मुंबई। मानव तस्करी का शिकार पीड़िताओं के लिए महानगर के मझगांव कोर्ट में मुंबई का पहला विक्टिम फ्रेंडली कक्ष (पीड़िता सुगम) बनाया गया है। इम्मॉरल ट्रैफिकिंग प्रतिबंध कानून के तहत बनाए गए इस खास कमरे में न सिर्फ पीड़िता के बैठने की व्यवस्था की गई है बल्कि कई सूचना परक चार्ट लगाए गए हैं। जो पीड़िताओं को मानव तस्करी से जुड़े मामले को लेकर कई महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं।

कमरे में लगाए गए चार्ट में संपूर्ण जानकारी

मानव तस्करी के चंगुल से निकलीं पीड़िताओं को जागरुक करने के उद्देश्य से बनाए गए इस कमरे में लगे चार्ट बताते हैं कि पुलिस की कार्रवाई के बाद पीड़िता को कैसे सुधार गृह के लिए आवेदन करना है और मानव तस्करी से जुड़े मामले किस तरह से अदालत में चलेंगे और उसकी क्या प्रक्रिया होगी।  मानव तस्करी प्रतिबंधक कानून में एक प्रावधान है जिसके तहत मुकदमे की सुनवाई के दौरान पीड़िता को आरोपी से दूर रखा जाना चाहिए। इस लिहाज से भी विक्टिम फ्रेंडली कक्ष बनाया गया है।

मानव तस्करी के मामलों की यहीं होगी सुनवाई

आगे से अब कोर्ट में इस कमरे का इस्तेमाल मानव तस्करी से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए किया जाएगा। यह कमरा स्थपित करने को लेकर चीफ मेट्रोपालिटिन मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने पहले सत्र न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखा था। प्रधान न्यायाधीश ने हाईकोर्ट के पास विचार करने के लिए भेजा था। हाईकोर्ट से मिली मंजूरी के बाद मझगांव कोर्ट में पहला विक्टिम फ्रेंडली कोर्ट बनाया गया है।  इस बारे में जानी-मानी वकील दीपा चव्हाण ने कहा कि मानव तस्करी से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली हर कोर्ट में ऐसा विशेष कमरा होना चाहिए। क्योंकि यह न सिर्फ पीड़िता को सुरक्षा की अनुभूति कराएगा बल्कि आरोपी की नजर से भी दूर रखेगा। उन्होंने कहा कि इस कमरे के इस्तेमाल को लेकर कोर्ट के स्टाफ को भी जागरुक व प्रशिक्षित करने की जरुरत है ताकि पीड़िताओं के लिए बनाई गई इस सुविधा का लाभ मिल सके।