नागपुर शहर के गणेश पंडाल शुल्क मुक्त, बैन हटा

बड़ी छूट नागपुर शहर के गणेश पंडाल शुल्क मुक्त, बैन हटा

Anita Peddulwar
Update: 2022-07-26 07:23 GMT
नागपुर शहर के गणेश पंडाल शुल्क मुक्त, बैन हटा

डिजिटल डेस्क,  नागपुर। राज्य सरकार ने महाराष्ट्र में गणेशोत्सव से सभी तरह के प्रतिबंध हटा दिए हैं। इस निर्णय का नागपुर में भी क्रियान्वयन किया जाएगा। बंधनमुक्त गणेशोत्सव के साथ शहरवासियों को एक और सौगात मिली है। इस साल गणेश पंडाल को शुल्क से मुक्त कर दिया गया है। पंडालों पर किसी तरह का शुल्क वसूला नहीं जाएगा, लेकिन 4 फीट से ज्यादा ऊंची मूर्ति के विसर्जन के लिए शहर में कोई तालाब उपलब्ध नहीं होगा। उन्हें शहर से बाहर जाकर इन मूर्तियों का विसर्जन करना होगा। इस बीच मनपा आयुक्त व प्रशासक राधाकृष्णन बी. ने नागरिकों से जवाबदेही के तहत पर्यावरणपूरक गणेशोत्सव के लिए पहल करने का आह्वान किया है।

मूर्ति की ऊंचाई और विसर्जन की जानकारी :  राज्य सरकार ने गणेशोत्सव के लिए सुधारित मार्गदर्शिका जारी की है। इसके अनुसार गणेश मंडल के पंडाल की अनुमति के लिए लिए जाने वाले 200 रुपए शुल्क को पूरी तरह माफ किया गया है। मूर्तिकारों के पंडाल के लिए शुल्क प्रमुख अग्निशमन अधिकारी द्वारा पूरी तरह माफ किया गया है। पंडाल बनाने के लिए उद्यान विभाग, संपत्ति विभाग व निजी भूखंड पर वसूल किए जाने वाला शुल्क भी माफ किया गया है। सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल की गणेशमूर्ति के लिए 4 फीट की ऊंचाई की सीमा हटा दी गई है। घरेलू गणेश मूर्ति के लिए इससे पहले 2 फीट ऊंचाई की सीमा रखी गई थी, जो हटा दी गई है, लेकिन घरेलू मूर्ति की ऊंचाई 2 फीट रखने का आह्वान मनपा आयुक्त ने किया है। आयुक्त ने गणेश मंडलों से अनुमति के लिए आवेदन के साथ कितने फीट की गणेश मूर्ति रहेगी और कहां विसर्जन किया जाएगा, इसका भी उल्लेख करने को कहा है, ताकि पुलिस विभाग को बंदोबस्त के लिए तैयार करने में सुविधा मिलेगी। 

विसर्जन के लिए तालाब बंद पर्यावरणपूरक गणेशोत्सव की दृष्टि से नागपुर महानगरपालिका ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। श्रीगणेश की मूर्ति पर शहर के तालाबों में विसर्जन पर पूरी तरह बंदी लगाई गई है। शहर के विविध क्षेत्रों में विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाबों की व्यवस्था की गई है। शहर के कृत्रिम विसर्जन स्थलों पर   महानगरपालिका द्वारा विद्युत रोशनाई की व्यवस्था की जाएगी। गणेश आगमन और विसर्जन के लिए रैली निकालने के संबंध में पुलिस विभाग से विधिवत अनुमति लेनी होगी।

जनजागरण को दें प्राथमिकता : पूजा आयोजक समिति, गणेश उत्सव मंडल, व्यक्ति द्वारा गणेश उत्सव में स्वास्थ्य संबंधी उपक्रम अथवा शिविर आयोजित करने को प्राथमिकता देनी चाहिए। इसके माध्यम से कोरोना, मलेरिया, डेंगू रोग और उसके प्रतिबंधात्मक उपाय तथा स्वच्छता पर जनजागृति करें। सामाजिक संदेश वाले विज्ञापन प्रदर्शित करने को प्राथमिकता दें। श्री गणेश का आगमन और विसर्जन रास्ते पर संबंधित विद्युत आपूर्तिकर्ता द्वारा विद्युत व्यवस्था पर संबंधित जोन के सहायक आयुक्त स्तर पर चर्चा कर आवश्यक सुधार (दीये बत्ती की संख्या व क्षमता) किया जाएगा। विविध परिपत्रक में दिए गए नियम और शर्तें जैसे अग्निशमन दल की कोडीफाइड शर्त, अन्य विभागों के नियम व शर्त, प्लास्टिक व थर्माकोल बंदी संबंधी शासकीय निर्देशों का पालन करना होगा।  

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