सरकार ने 4 वर्ष में 20 हजार करोड़ किए खर्च, फिर भी 22 जिलों में जलसंकट

सरकार ने 4 वर्ष में 20 हजार करोड़ किए खर्च, फिर भी 22 जिलों में जलसंकट

Anita Peddulwar
Update: 2019-05-14 05:35 GMT
सरकार ने 4 वर्ष में 20 हजार करोड़ किए खर्च, फिर भी 22 जिलों में जलसंकट

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  सिंचाई क्षमता विकास के दावे के साथ राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही जलशिवार योजना पर कांग्रेस नेता विजय वडेट्‌टीवार ने निशाना साधा किया है। उन्होंने सवाल किया है कि सरकार जलशिवार योजना के लाभार्थियों के आंकड़े घोषित करें। विदर्भ में सूखा क्षेत्रों का दौरा करने के लिए वडेट्‌टीवार की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। वे विधानसभा में कांग्रेस के उपनेता भी हैं। समिति ने  दौरा कार्यक्रम शुरू किया है। 

भास्कर से चर्चा में कहा
दौरे के तहत  दैनिक भास्कर से चर्चा में वडेट्‌टीवार ने कहा कि सही नियोजन नहीं होने के कारण सूखा प्रभावित किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। राज्य सरकार ने जलयुक्त शिवार योजना पर 4 वर्ष में 20 हजार करोड़ की निधि खर्च की है। दावा किया जा रहा है कि भूजल स्तर बढ़ा है, लेकिन सिंचाई के अभाव में राज्य भर में भीषण सूखे की स्थिति है। 15-20 वर्षों बाद यह स्थिति देखी जा रही है। राज्य के 22 जिलों में जलसंकट है। पानी चारा के अभाव में बैल-मवेशियों को लावारिस छोड़ने पर किसान मजबूर हैं। बांध सूख रहे हैं। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि जलयुक्त शिवार की निधि कहां गई। 

किसानों से चर्चा करेंगे
वडेट्‌टीवार के नेतृत्व में विदर्भ के सूखा प्रभावित क्षेत्र बुलढाणा, अकोला, वाशिम, यवतमाल,अमरावती व नागपुर जिले में दौरा किया जा रहा है। दौरे में किसानों से चर्चा की जाएगी। जिला स्तर पर कांग्रेस पदाधिकारियों के अलावा किसानाेें से चर्चा होगी। जिलाधिकारी को जनसमस्याओं की जानकारी दी जाएगी। वडेट्‌टीवार ने कहा कि बुलढाणा जिले में 85 प्रतिशत गांवों में सूखा है। जून माह में बुलढाणा जिला शत प्रतिशत सूखा हो जाएगा। ऐसी गंभीर स्थिति में भी सरकार की ओर से सूखा निवारण की उपाय योजना नहीं की जा रही है। यही नहीं, बुलढाणा जिले में ऐसे भी गांव हैैं, जहां साल भर टैंकर से जलापूर्ति की जाती है। गांवों में पेयजल नल भी नहीं है। जल-व्यवस्थापन का कोई भी प्रभावी कार्य जिले में नहीं किया गया है। बुलढाणा का जलस्तर काफी कम है। कुएं, नलकूप व सारे तालाब सूखे हैं। इन क्षेत्रों का दौरा कर नागरिकों की समस्या सुनी जाएगी। जिलाधिकारी से चर्चा कर त्वरित उपाय योजना की मांग की जाएगी। 

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