धोखाधड़ी करने वाले नाइजीरियन गैंग के दो सदस्यों को ले गई गुजरात और हरियाणा पुलिस

धोखाधड़ी करने वाले नाइजीरियन गैंग के दो सदस्यों को ले गई गुजरात और हरियाणा पुलिस

Anita Peddulwar
Update: 2021-02-10 09:37 GMT
धोखाधड़ी करने वाले नाइजीरियन गैंग के दो सदस्यों को ले गई गुजरात और हरियाणा पुलिस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नाइजीरियन गैंग के केलविन और सायरा अलवारिस को दूसरे राज्यों की पुलिस नागपुर से गिरफ्तार करके ले गई। केलविन को हिसार (हरियाणा) पुलिस 25 लाख की धोखाधड़ी के मामले में 6 फरवरी को और सायरा को भुज (गुजरात) की पुलिस ले गई। गोवा की रहनेवाली सायरा के भुज स्थित बैंक खाते से 21 लाख रुपए जमा किए गए थे। आरोप है कि सायरा भी नाइजीरियन गैंग की सक्रिय सदस्य है।

इस गिरोह का नागपुर शहर की साइबर पुलिस ने अक्टूबर 2020 में पर्दाफाश किया था। इस गिरोह के 5 सदस्यों को पिछले साल अक्टूबर में दिल्ली से गिरफ्तार कर नागपुर लाया गया था। इसमें सुजीत दिलीप तिवारी (25), मिशेल स्कॉटलस कोलाई (23), इडु डॉलर उकेके (32), एमु संडे एडुडायके (32), केलविन नेके (29) दिल्ली निवासी शामिल थे।  इनकी निशानदेही पर नागपुर की साइबर पुलिस ने गोवा निवासी सायरा अलवारिस को गोवा से 5 दिन बाद गिरफ्तार किया था। उसके बाद नागपुर लेकर आई थी। सभी आरोपी नागपुर की सेंट्रल जेल में बंद थे। इस गिरोह ने दिल्ली में बैठकर नागपुर शहर की एक सेवानिवृत्त नर्स से जून-जुलाई 2020 में 41.70 लाख रुपए की ठगी की थी। इसी प्रकरण में नागपुर की साइबर पुलिस ने इन लोगों की गिरफ्तारी की थी।

इनकी रही थी अहम भूमिका
उस समय इन आरोपियों की गिरफ्तारी में साइबर पुलिस विभाग के पुलिस निरीक्षक अशोक बागुल, राघवेंद्रसिंह क्षीरसागर, एपीआई विशाल माने की अहम भूमिका थी।

विदेश में नौकरी दिलाने व लॉटरी में गिफ्ट लगने का झांसा
नाइजीरियन गैंग ने शहर की एक सेवानिवृत्त नर्स को कनाडा में नौकरी दिलाने के नाम पर 41.70 लाख की ठगी की थी। यह गिरोह दिल्ली के चंद्र विहार इलाके से अपने गिरोह संचालित किया करता था। यह उत्तम नगर, दिल्ली जैसे इलाकों में रहते थे। इनमें से कई नाइजीरियन फर्जी बैंक अकाउंट और सिम कार्ड का इस्तेमाल करते थे। कुछ आरोपियों के पास सिम कार्ड मुंबई में भी पंजीकृत होने की जानकारी उस समय सामने आई थी। नाइजीरियन गिरोह के सदस्य फर्जी बैंक खाते खोलने और लोगों को ठगने के लिए सुजीत तिवारी जैसे भारतीयों का इस्तेमाल करते थे। बदले में भारतीयों को 5-10% कमीशन देते थे।

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