कैसे होगा शहडोल का विकास, चिन्हित होने के 5 साल बाद भी दियापीपर औद्योगिक पार्क में सड़क-पानी की सुविधा नहीं

शहडोल कैसे होगा शहडोल का विकास, चिन्हित होने के 5 साल बाद भी दियापीपर औद्योगिक पार्क में सड़क-पानी की सुविधा नहीं

Manuj Bhardwaj
Update: 2023-01-21 15:58 GMT
कैसे होगा शहडोल का विकास, चिन्हित होने के 5 साल बाद भी दियापीपर औद्योगिक पार्क में सड़क-पानी की सुविधा नहीं

डिजिटल डेस्क, शहडोल। आदिवासी अंचल शहडोल में उद्योगों की स्थापना कैसे होगी, अंचल का औद्योगिक विकास कैसे होगा? यह सवाल बड़ा इसलिए भी है क्योंकि 2017 में गोहपारु (दियापीपर) औद्योगिक पार्क की घोषणा होने के 5 साल बाद भी चिन्हित क्षेत्र में सडक, पानी सहित दूसरी मूलभूत सुविधाओं का विस्तार नहीं हो सका। मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड (एमपीआइडीसी) के अधिकारियों का उदासीन रवैया अंचल को उद्योगों से मिलने वाले रोजगार के मामले में पीछे धकेल रहा है। जानकर ताज्जुब होगा कि गोहपारु (दियापीपर) औद्योगिक पार्क की जानकारी प्रदान करने के लिए शहडोल शहर के बाणंगगा चौराहे पर बोर्ड भी लगा है तो उसमें कार्यालय का पता रीवा का है। जाहिर है संभाग मुख्यालय शहडोल में एमपीआइडीसी के एक भी अधिकारी के नहीं बैठने से नुकसान होगा। इस मामले में उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को प्रेरित करना तो दूर, जरुरी जानकारी भी समय पर मुहैया नहीं हो पाएगी।

भोपाल में प्रक्रिया अटकने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं अधिकारी

दियापीपर औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग स्थापना के लिए एमपीआइडीसी का प्रयास डीपीआर से आगे नहीं बढ़ रहा है। विभाग के अधिकारी हर बार पूछने पर यही कहते हैं कि सडक़, पानी व दूसरे जरुरी निर्माण कार्य के लिए डीपीआर बन गया है, भोपाल से मंजूरी के बाद आगे का काम जल्द शुरु होगा। उल्लेखनीय है कि दियापीपर में उद्योग स्थापना के लिए 35 हेक्टेयर क्षेत्र 2017 में चिन्हित किया गया था।

ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में विंध्य के लिए आए सबसे ज्यादा प्रस्ताव

मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में 2 लाख 89 हजार 179 करोड़ रुपए निवेश करने का प्रस्ताव विंध्य के लिए आया है। यह प्रस्ताव जबलपुर, सागर, भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर और चंबल संभाग के निवेश प्रस्तावों की तुलना में काफी अधिक है। शहडोल संभाग में बिजली के 3 पावर हाउस होने के साथ ही पानी के लिए बाणसागर डेम और दिल्ली के लिए सीधी रेल लाइन सहित अन्य संसाधन औद्योगिक घरानों को अंचल में उद्योग स्थापना के लिए खींच लाती है। बस जरुरी है कि कि यहां हवाई अड्डा के साथ ही औद्योगिक पार्क में जरुरी सुविधाएं उपलब्ध हो।

सांसद-विधायक से मांग

आदिवासी अंचल शहडोल में उद्योगों की स्थापना के लिए संभाग मुख्यालय शहडोल में एमपीआइडीसी विभाग का कार्यालय होना जरुरी है। चार साल में इसके लिए प्रयास नहीं हुए तो इस बारे में भाजपा सांसद हिमाद्री सिंह व शहर विधायक जयसिंह मरावी को भी आगे आकर प्रयास करना चाहिए। नागरिकों ने कहा कि इस बारे में जनप्रतिनिधियों से सक्रिय रहने की मांग करेंगे।

रीवा के एमपीआइडीसी यूके तिवारी ने कहा कि दियापीपर औद्योगिक क्षेत्र में जरुरी विकास के लिए डीपीआर बन गया है। भोपाल से पास होते ही काम शुरु होगा। शहडोल संभाग मुख्यालय में एमपीआइडीसी का कार्यालय नहीं है। बाणगंगा के पास बोर्ड में रीवा कार्यालय का पता अंकित है। अब तक इनवेस्टर समिट में व्यस्त थे, अब तक जल्द आगे की प्रक्रिया अपनाएंगे।

शहडोल के कमिश्नर राजीव शर्मा ने कहा कि कुछ माह पहले एमपीआइडीसी के जबलपुर व रीवा के अधिकारियों की बैठक लेकर जरुरी निर्देश थे, लेकिन अधिकारियों ने उसके बाद अब तक के अपडेट से अवगत नहीं कराया। मैं भोपाल में हूं, इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से बात करते हैं।
 

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