कोरोना काल में भी नागपुरियंस साल भर रहे ऑनलाइन , होते रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम

कोरोना काल में भी नागपुरियंस साल भर रहे ऑनलाइन , होते रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम

Anita Peddulwar
Update: 2020-12-31 09:02 GMT
कोरोना काल में भी नागपुरियंस साल भर रहे ऑनलाइन , होते रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वर्ष भर सांस्कृतिक कार्यक्रमों, खेलकूद से अपनी पहचान रखने वाली संतरानगरी वर्ष 2020 में जनवरी, फरवरी और मार्च के मध्य को छोड़कर कोरोना की भेंट चढ़ गई। 11 मार्च को शहर में कोरोना के दस्तक देते ही स्कूल, कॉलेज और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर जैसे विराम ही लग गया। मार्च के बाद घर बैठे कलाकारों की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी। महिलाएं और बच्चों में घर बैठने से तनाव बढ़ने लगा। ऐसे में तनाव मुक्त होने के लिए सार्वजनिक कार्यक्रमों के विकल्प के रूप में ऑनलाइन कार्यक्रमों का आयोजन शुरू हुआ, जो आज भी जारी है। लगभग पूरा वर्ष ऑनलाइन कार्यक्रमों के नाम रहा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ अवेयरनेस प्रोग्राम भी किए गए। कोरोना के प्रति जागरूकता इस समय मुख्य उद्देश्य था। कलाकारो ने शॉर्ट फिल्म, लघु नाटिका आदि कार्यक्रम ऑनलाइन प्रस्तुत किए। गायक फेसबुक लाइव पेज के माध्यम से शहरवासियों का मनोरंजन करते रहे। सोशल मीडिया पर हर उम्र वर्ग के लिए चैलेंजेस शुरू हो गए। कपल चैलेंज, साड़ी चैलेंज, स्माइल चैलेंज, क्यूट स्माइल चैलेंज जैसे कई चैलेजेंस में सभी उम्र वर्ग के लोग भागीदार बने।

जनवरी से मार्च तक आयोजन,फिर कोरोना का साया : जनवरी में अंध दिव्यांगों का फैशन शो आयोजित किया गया, जिसमें उन्होंने साबित कर दिया कि वे किसी से कम नहीं हैं। 6 से 8 जनवरी तक कालिदास के विक्रमोर्वशीयम पर आधारित कार्यक्रम किए गए। दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा 27वें ऑरेंज सिटी क्रॉफ्ट मेला एवं लोकनृत्य समारोह का आयोजन 10 से 19 जनवरी तक केंद्र परिसर में किया गया। मेले में नारी सशक्तिकरण का संदेश देते हुए 5 महिलाओं को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। 20 जनवरी को महिला उद्योजिका सम्मेलन का उद्घाटन अभिनेता नाना पाटेकर ने किया।

24 जनवरी को विज्ञान महोत्सव में बच्चों ने अपनी कल्पना शक्ति को साकार किया। 6 फरवरी से ऑरेंज सिटी फिल्म फेस्टिवल आयोजित किया गया। सक्षम संस्था द्वारा अंध दिव्यांग बच्चों के लिए ऐतिहासिक यात्रा रखी गई। 17 फरवरी को नागपुर लिटरेरी फेस्टिवल रखा गया। 17 फरवरी को छत्तीसगढ़ महोत्सव में कलाकारों ने प्रस्तुति दी। 59वीं महाराष्ट्र राज्य हिंदी नाट्य प्रतियोगिता में विभिन्न नाटकों की प्रस्तुति दी गई। 21 को भारत रंग महोत्सव में विदेशी नाटकों का मंचन हुआ। स्मृतिगंधा महोत्सव, सप्तक संस्था की ओर से विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन शहर में खास आकर्षण का केन्द्र रहे। वसंत राव देशपांडे सभागृह, सुरेश भट सभागृह, साईं सभागृह, साइंटिफिक हॉल, परसिस्टेंट, विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन आदि में गायन, वादन, नृत्य सांस्कृतिक कार्यक्रम फरवरी तक चलते रहे।

लॉकडाउन में बनाए कई रिकॉर्ड : शहर के निर्देशकों ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को चुनकर अपनी प्रतिभा दिखाई। इस दौरान कई नाटकों और शॉर्ट फिल्मों की प्रस्तुति दी गई, जिसमें कोरोना से जागरूकता का संदेश दिया गया। लॉकडाउन में कलाकरों ने नई राह चुनी और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को अपनाया। अनलॉक के बाद  शहर में कई  फिल्मों की शूटिंग के दौरान कलाकारों को मंच भी मिला, जिसमें फिल्म में काम मिला। डायरेक्टर्स को शहर की कई लोकोशन पसंद आने के कारण हिन्दी, मराठी फिल्म, शॉर्ट फिल्म की शूटिंग भी हुई। शास्त्रीय नृत्य और गायन के कार्यक्रमों की तरफ लोगों का रुझान रहा।  शहर के शेफ ने 3000 किलो की  खिचड़ी बनाने का रिकॉर्ड भी बनाया। इसके साथ ही शहर के अन्य कई व्यक्तियों ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपने नाम दर्ज कराए।

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