फिर से न हो निजामुद्दीन मरकज जैसी घटना : शरद पवार

फिर से न हो निजामुद्दीन मरकज जैसी घटना : शरद पवार

Anita Peddulwar
Update: 2020-04-02 12:38 GMT
फिर से न हो निजामुद्दीन मरकज जैसी घटना : शरद पवार

डिजिटल डेस्क,मुंबई। राकांपा अध्यक्ष शऱद पवार ने कहा कि ऐसी परिस्थति में सभी को सावधान रहने की जरुरत है। दिल्ली के निजामुद्दीन में हुई तबलीगी मरकज जैसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।   गुरुवार को सोशल मीडिया के माध्यम से पवार ने कहा कि 8 अप्रैल को मुस्लिम बंधुओं के कब्रिस्तान में एकसाथ जाकर अपने दिवंगत परिजनों को याद करने का दिन है। लेकिन इस बार यह स्मरण घर में ही रह कर करें। नमाज घर में ही पढ़ें और यह जिम्मेदारी उठाएं कि निजामुद्दीन में जो हुआ, वह फिर न होने पाए। उन्होंने कहा क 14 अप्रैल को बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती है। देशभर के लोग जुटते हैं यह समोराह डेढ़ महिने तक चलता है। लेकिन इस बार यह समारोह मनाना का समय है क्या? इस पर गंभीरता से सोचने की जरुरत है। लोग एक जगह जुटे तो नया संकट पैदा होगा। 

नवयुवकों को सलाह, किताबें  पढ़ें
पवार ने कहा कि मौजूदा परिस्थिति में नवयुवक चिंतित हैं। पर ऐसी परिस्थिति में युवकों को पठन संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए। मराठी में अनेक पढ़ने योग्य किताबे हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवनदर्शन, महात्मा ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर लिखित पुस्तकें, विठ्ठलराव शिंदे, कर्मवीर भाऊराव पाटील, पंजाबराव देशमुख, यशवंतराव चव्हाण जैसे महान व्यक्तियों के जीवन दर्शनपर लिखि गई किताबें पढ़ो।



 

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