जांच में पाई गई स्वास्थ्यकर्मी की लापरवाही

कर्नाटक एमआर वैक्सीन त्रासदी जांच में पाई गई स्वास्थ्यकर्मी की लापरवाही

IANS News
Update: 2022-01-17 06:31 GMT
जांच में पाई गई स्वास्थ्यकर्मी की लापरवाही
हाईलाइट
  • कर्नाटक एमआर वैक्सीन त्रासदी: जांच में पाई गई स्वास्थ्यकर्मी की लापरवाही

डिजिटल डेस्क, बेलगाम। खसरा-रूबेला (एमआर) के टीके लगने के बाद तीन बच्चों की मौत की जांच में पता चला है कि स्वास्थ्य कर्मियों में से एक की लापरवाही के कारण ये घटना हुई थी।

जांच के बाद एक सरकारी स्वास्थ्य कर्मी को सस्पेंड कर दिया गया है। दो अन्य बच्चियां, एक 18 महीने की और दूसरी 12 महीने की बच्ची का अस्पताल में इलाज हो रहा है।

15 महीने से कम उम्र के बच्चों को एमआर के खिलाफ पहली खुराक दी जाती है और 15 महीने से ऊपर के बच्चों को दूसरी खुराक दी जाती है।

12 जनवरी को बोचागला शिविर में टीकाकरण के बाद कम से कम दो और 11 जनवरी को मल्लापुरा से एक बच्चे की मौत की सूचना मिली थी। बोचागला शिविर में 17 बच्चों का टीकाकरण किया गया था और रामदुर्ग तालुक के मल्लापुरा शिविर में चार बच्चों को टीका लगाया गया था। जिला प्रशासन के अनुसार हादसे की वजह स्वास्थ्य कर्मी की पूरी तरह लापरवाही बताई जा रही है।

एमआर टीकाकरण की पहली खुराक दिए जाने के बाद उसी दिन 13 महीने की बच्ची पवित्रा हलगुर की मौत हो गई थी। टीकाकरण के कुछ घंटों बाद उसे दस्त और उल्टी होने लगी। 14 महीने के बच्चे उमेश कारागुंडी की 15 जनवरी को मृत्यु हो गई थी। 15 महीने की बच्ची चेतना, जिसे मल्लापुरा कैंप में टीका लगा था। उसी दिन 11 जनवरी को निधन हो गया था।

जिला अधिकारियों ने कहा कि एक विस्तृत जांच चल रही है और इससे मौतों का सही कारण और लापरवाही की प्रकृति का पता चलेगा। प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों पर कार्रवाई की गई है।

बेलगावी जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.वी. मुन्याल ने कहा कि घटना को लेकर दोषियों को बिना किसी दया के सजा दी जाएगी। टीकाकरण के प्रतिकूल प्रभावों को देखने के लिए एक समिति है। रक्त के नमूने, शिशुओं के मलमूत्र को प्रयोगशाला में भेज दिया गया है और रिपोर्ट एक स्पष्ट तस्वीर देगी। इसके अलावा भी विभाग जांच कर रहा है।

 

आईएएनएस

Tags: