जियोफिजिकल रिसर्च के शोध का दावा- महाराष्ट्र के आधे दर्जन से अधिक शहर डूब जाएंगे

जियोफिजिकल रिसर्च के शोध का दावा- महाराष्ट्र के आधे दर्जन से अधिक शहर डूब जाएंगे

Tejinder Singh
Update: 2018-11-16 15:41 GMT
जियोफिजिकल रिसर्च के शोध का दावा- महाराष्ट्र के आधे दर्जन से अधिक शहर डूब जाएंगे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश और दुनिया में लगातार बाढ़, सूखा, भूकंप और तूफान आ रहे हैं। हाल ही में तितली तूफान ने भारत में तांडव मचाने के बाद अब तमिलनाडु में गज तूफान ने कहर बरपाया है। पर्यावरणविद् इसकी वजह जलवायु परिवर्तन मानते है और संकेत दिए है कि बाढ़ और तूफान की विभीषिका आगे भी शहरों और महानगरों में और भी देखने मिलेगी। जियोफिजिकल रिसर्च लेटर जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन की वजह से अल्पावधि में होने वाली तेज बारिश शहरों को डुबा सकती है।

रिसर्च बताती है कि अल्पावधि में होने वाली बारिश शहरों में वर्षा जल निकासी के तत्रं को बुरी तरह प्रभावित करेगी। आशंका जताई गई है कि देश के करीब 78 शहरों को यह बारिश पूरी तरह जलमग्न कर सकती है, जिसमें महाराष्ट्र के नागपुर, पुणे, नासिक, औरंगाबाद, मुंबई, भिवंडी और मध्यप्रदेश के जबलपुर, भोपाल, इंदौर और ग्वालियर सहित अन्य राज्यों के शहर शामिल है।

रिसर्च के अनुसार अगर औसत वैश्विक तापमान पूर्व औद्योगिकीकरण के मुकाबले 1.5 से 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ जाता है तो अध्ययन के लिए चुने गए देश के 89 में से 78 शहरों में अचानक बाढ़ आ सकती है। इस अध्ययन पर विस्तृत शोध करने वाले सेंटर फॉर साइंस एन्ड एनवायरनमेंट के शोधकर्ता अनिल अश्विनी के अनुसार तापमान में बढोतरी लगातार तीन घंटे तक होनेवाली बारिश 20 से 25 प्रतिशत तक बढा देगी। उनका कहना है कि पिछले मानसून में केरल, मुंबई, दिल्ली, पटना, लखनऊ, कोच्चि और बेंगलुरु में इसकी झलक देख ही चुके है। इस स्थिति से निपटने के लिए वर्षा जल निकासी का प्रभावी तंत्र फिर से विकसित करने की जरुरत है।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गांधीनगर द्वारा किए गए अध्ययन में यह बात सामने आयी है। हाल ही में एक अन्य अध्ययन में बताया गया है कि 2 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ने पर 2100 तक भारत में लू (हीट वेव) 30 गुणा तक बढ़ जाएगी। इसमें भी महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के आधा दर्जन शहर शामिल है।