पर्यटन मंत्री पटवा को शोकॉज नोटिस, लोन नहीं चुकाया तो घोषित होंगे विलफुल डिफॉल्टर
पर्यटन मंत्री पटवा को शोकॉज नोटिस, लोन नहीं चुकाया तो घोषित होंगे विलफुल डिफॉल्टर
डिजिटल डेस्क, इंदौर। मध्य प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री सुरेंद्र पटवा को बैंक ऑफ इंडिया ने विलफुल डिफॉल्टर घोषित किए जाने का नोटिस जारी किया है। विलफुल डिफॉल्टर उसे माना जाता है, जो पैसा होने के बावजूद बैंक को लोन की रकम नहीं चुकाता है। अखबारों में शोकॉज नोटिस जारी कर पटवा को 15 दिनों के अंदर पैसा लौटाने को कहा गया है। 2 अगस्त को ये नोटिस जारी किया गया था। 17 अगस्त को 15 दिन पूरे हो रहे है। अगर इसके बाद भी उन्होंने पैसा नहीं चुकाया तो फिर उन्हें विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि सुरेंद्र पटवा राज्य में भोजपुर विधानसभा से विधायक हैं।
क्या है मामला?
बैंक ऑफ बड़ौदा से पटवा ऑटोमेटिव नाम की कंपनी ने लोन लिया था। लोन की रकम नहीं चुकाने के बाद बैंक ने प्रॉपर्टी को सीज किया था। बावजूद इसके बैंक को लोन की पूरी रकम नहीं मिली। 34 करोड़ बकाया राशि के लिए बैंक ने सुरेंद्र पटवा और परिजनों की संपत्ति की बिक्री पर भी रोक लगा दी थी। 2 मई 2005 को इस लोन को नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) घोषित कर दिया गया था। बैंक ने एक सार्वजनिक सूचना के माध्यम से खरीददारों को आगाह भी कर रखा है। यदि किसी ने भी यह संपत्ति खरीदी तो उसे बैंक को 34 करोड़ की रकम चुकाना पड़ेगी। अब बैंक ने विलफुल डिफॉल्टर घोषित करने के लिए शोकॉज नोटिस जारी किया है। राज्यमंत्री सुरेंद्र पटवा के अलावा उनकी पत्नी मोनिका पटवा, भाई भरत पटवा समेत दूसरे लोगों के भी इस नोटिस में नाम है। सुरेन्द्र पटवा पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय सुन्दरलाल पटवा के भतीजे है, इस नोटिस में स्वर्गीय पटवा की पत्नी फूल कुंअर पटवा का भी नाम है।
पटवा पर चैक बाउंस का भी केस
लोन डिफाल्ट का मामला सामने आने के बाद मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने सुरेंद्र पटवा का बचाव किया है। वहीं कांग्रेस ने बीजेपी सरकार समेत राज्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस ने सुरेन्द्र पटवा को उनके पद से बर्खास्त करने की मांग की है। इससे पहले फरवरी 2018 में सुरेंद्र पटवा का नाम तब भी सुर्खियों में आया था जब उनके दिए चेक बाउंस हो गए थे। इंदौर के हरीश ट्रेडर्स ने 2015 में मंत्री सुरेंद्र पटवा को ब्याज पर 10 लाख रुपए दिए थे, इसके बदले में उन्हें चैक दिया गया था। चेक बाउंस होने के बाद इंदौर की जिला कोर्ट ने केस दर्ज करने के आदेश दिए थे। उस केस की सितंबर में सुनवाई है।